ऋतुराज का जीवन परिचय

ऋतुराज का जीवन  परिचय

ऋतुराज का जीवन परिचय ?

 

प्रश्न-‘ऋतुराज’ जी की काव्यगत विशेषताएँ निम्न बिन्दुओं पर लिखिए:

(i) दो रचनाएँ (ii) काव्यगत विशेषताएँ

उत्तर-ऋतुराज का परिचय

(i )दो रचनाएँ- पुल पर पानी, सुरत निरत।

(ii) काव्यगत विशेषताएँ- ऋतुराज के काव्य की विशेषताएँ इस प्रकार हैं-

भावपक्ष-

(i)उपेक्षितों का पक्ष- ऋतुराज वंचितों, उपेक्षित और पीड़ितों के कवि हैं। उन्होंने मुख्यधारा से अलग समाज के हाशिए पर खड़े लोगों की समस्याओं और चिंताओं को अपनी लेखनी बनाया।

(ii)यथार्थ चित्रण- ऋतुराज काल्पनिक दुनिया की अपेक्षा यथार्थ जीवन को अपना विषय बनाते हैं

(iii)नारी जीवन- ऋतुराज ने नारी जीवन की लाचारी और उनपर होने वाली शोषणपरक घटनाओं को करीब से देखा है। वे नारी को शोषण से बचने के लिए सचेत करते हैं।

कलापक्ष-

(i)भाषा- ऋतुराज ने अपनी कविताओं में खड़ीबोली का प्रयोग किया है। वे लोक जीवन की भाषा को अधिक महत्व देते हैं। उन्होंने तत्सम, तद्भव, देशज, विदेशज आदि शब्दों का प्रयोग किया है।

(ii) अलंकार का प्रयोग- कवि ने अपनी रचनाओं में अनुप्रास, रूपक, उपमा आदि अलंकारों का उचित प्रयोग किया है।

(iii)छंद का प्रयोग- ऋतुराज ने अपने काव्य में मुक्तक छंद का प्रयोग किया है।

साहित्य में स्थान- आधुनिक कवियों में ऋतुराज की एक अलग पहचान है। समाज के हाशिए पर खड़े लोगों की वाणी को स्वर देने में ऋतुराज ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ऋतुराज आज भी अपनी लेखनी से साहित्य को एक दिशा प्रदान कर रहे हैं। उन्हें साहित्य जगत में हमेशा सम्मान मिलता रहेगा।

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rituraj ka jiwan parichay ?

rituraj ka parichay 

आचार्य- डॉ. अजीत भारती (www.hindibharti.in)

By hindi Bharti

Dr.Ajeet Bhartee M.A.hindi M.phile (hindi) P.hd.(hindi) CTET

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