tulasidas ka parichay mp board
tulasidas ka parichay mp board? (तुलसीदास का परिचय शार्ट में -क्लिक करें) क्लास 10 विषय- हिंदी क्षितिज भाग 1 के काव्य खंड के अंतर्गत पाठ राम लक्ष्मण परशुराम संवाद के कवि तुलसीदास हैं । यहाँ पर कवि परिचय काव्यगत विशेषताओं के आधार पर प्रस्तुत किया जा रह है । यह परिचय सभी छात्रों के लिए बहुत ही उपयोगी है ।
प्रश्न-‘तुलसीदास’ जी की काव्यगत विशेषताएँ निम्न बिन्दुओं पर लिखिए:
(i) दो रचनाएँ (ii) काव्यगत विशेषताएँ
उत्तर- तुलसीदास की काव्यगत विशेषताएँ
(i)दो रचनाएँ- गीतावली, दोहावली।
(ii) काव्यगत विशेषताएँ- तुलसीदास के काव्य की विशेषताएँ इस प्रकार हैं-
1.भावपक्ष-
(क) भक्ति भावना-
तुलसीदास राम के बहुत बड़े भक्त थे। उनके काव्य में भगवान राम के आदर्श चरित्र का सुंदर वर्णन मिलता है।
(ख) लोकमंगल की भावना-
तुलसी ने अपने काव्य में समाज के कल्याण और मंगल की बातें कहीं हैं। उन्होंने समाज के सभी सुन्दर पक्षों का उल्लेख किया है।
(ग) समन्वय की प्रधानता-
तुलसी दास ने अपनी कविताओं में समाज, धर्म, दर्शन, राजनीति आदि में समन्वय प्रतिपादित किया है।
2-कला पक्ष-
- भाषा- तुलसीदास की रचनाएँ ब्रज और अवधी दोनों भाषाओं में मिलती हैं। साथ ही उन्होंने संस्कृत और अरबी-फारसी शब्दों का प्रयोग किया है।
- शैली- उनकी रचनाओं में प्रबंध एवं मुक्तक दोनों प्रकार की शैलियों का प्रयोग मिलता है।
- छंद- तुलसीदास की रचनाओं में दोहा, सोरठा, चौपाई, हरिगीतिका, सवैया और कवित्त आदि छंदों की छटा मिलती है।
- अलंकार- तुलसी की रचनाओं में अनुप्रास, रूपक, उपमा, मानवीकरण आदि अलंकारों का प्रयोग अधिक मिलता है।
- रस- तुलसीदास ने अपने काव्य में वैसे तो सभी रसों का प्रयोग किया है। लेकिन उनका प्रिय शांत रस है।
साहित्य में स्थान-
तुलसीदास भक्तिकाल के प्रमुख कवियों में से एक हैं। उन्होंने समाज को हमेशा सुखी और शांत बनाने वाले काव्य रचे। इस अमर कवि को हिंदी जगत हमेशा याद रखेगा।
आचार्य- डॉ. अजीत भारती