पाठ रीढ़ की हड्डी

पाठ रीढ़ की हड्डी
एकांकी रीढ़ की हड्डी

पाठ रीढ़ की हड्डी – सारांश-  इस कहानी में राम स्वरुप की बेटी उमा है | उसके विवाह के लिए गोपाल प्रसाद अपने बेटे शंकर को लेकर उनके घर आतें है | उमा शिक्षित युवती है | लेकिन लड़के वाले कम पढ़ी-लिखी बहू की चाह रखते हैं | इसलिए लड़की का पिता अपनी बेटी की शिक्षा को छिपा लेता है | गोपाल प्रसाद वकील होने के बाद भी दहेज़ की बात करता है | अंत में उमा बाप-बेटों को अपमानित करके घर से निकाल देती है | और एकांकी यहीं पर समाप्त हो जाता है |

प्रश्न-अभ्यास/प्रश्न-उत्तर

प्रश्न-1.रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद बात-बात पर एक हमारा जमाना था ….” कहकर अपने समय की तुलना वर्तमान समय से करते हैं। इस प्रकार की तुलना कहाँ तक तर्क संगत है ?

उत्तर- रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद दोनों ही बुजुर्ग हैं। दोनों को वर्तमान में अपना जमाना याद आता है। यह मनुष्य का स्वाभाविक गुण है ये यादें अपने आप आती हैं इसके लिए प्रयास नहीं करना पड़ता है। वे दोनों अपने ज़माने को वर्तमान से अच्छा मानते हैं। परन्तु बीते हुए समय की तुलना वर्तमान समय से करना तर्क संगत नहीं है क्योंकि हर ज़माने की अपनी स्तिथियाँ होती हैं जमाना बदलता है तो कुछ कमियों के साथ सुधार भी आते हैं। इसलिए उन्हें दोनों जमानों को समान महत्व देना चाहिए ।

प्रश्न-2. रामस्वरूप का अपनी बेटी को उच्च शिक्षा दिलवाना और विवाह के लिए छिपाना, यह विरोधाभास उनकी किस विवशता को उजागर करता है

उत्तर:- रामस्वरूप एक समझदार पिता है तभी तो अपनी बेटी को उच्च शिक्षा दिलवाता है । लेकिन विवाह के लिए जब लड़के वाले उसकी बेटी को देखने आते हैं तब वे कम पढ़ी – लिखी बहू की चाह रखने की बात करते हैं। उन्हें ऐसा लगता है कि पढ़ी – लिखी बहू उनका कहना नहीं मानेगी, बात-बात नखरे करेगी, विरोध करेगी और उनके नियंत्रण में नहीं रहेगी। इसलिए रामस्वरूप लड़के वालों की मानसिकता को समझकर मज़बूरी में अपनी बेटी की उच्च शिक्षा को छिपा लेते हैं।

प्रश्न-3. अपनी बेटी का रिश्ता तय करने के लिए रामस्वरूप उमा से जिस प्रकार के व्यवहार की अपेक्षा कर रहे हैं, उचित क्यों नहीं है ?   

उत्तर:-आज समाज में लड़का तथा लड़की को समान दर्जा प्राप्त है। फिर भी रामस्वरूप अपनी लड़की से ये अपेक्षा करते हैं कि वह लड़के वालों के सामने पाउडर और क्रीम लगाकर सुन्दर ढंग से आए और अपने गुणों से उनका दिल जीत ले । जिससे वह उन्हें पसंद आ जाए । रामस्वरूप एक उच्च शिक्षित बेटी के पिता होते हुए भी लड़के वालों को कम पढ़ा-लिखा बताते हैं । जो उचित नहीं है । ऐसा करके वे झूठ और दिखावा को बढ़ावा देते हैं । परन्तु वे यह क्यों  भूल रहे हैं कि जिस प्रकार लड़के की अपेक्षाएँ होती ठीक उसी प्रकार लड़की की पसंद-नापसंद का भी ख्याल रखना चाहिए।

                                                                                                                                                                                        पाठ रीढ़ की हड्डी

प्रश्न-4. गोपाल प्रसाद विवाह को बिजनेसमानते हैं और रामस्वरूप अपनी बेटी की उच्च शिक्षा छिपाते हैं क्या आप मानते हैं कि दोनों ही समान रूप से अपराधी हैं? अपने विचार लिखिए।

उत्तर:- मेरे विचार से दोनों ही समान रूप से अपराधी हैं –

            गोपाल प्रसाद एक पढ़े – लिखे वकील हैं । फिर भी वह विवाह को ‘बिजनेस’ मानते हैं । इसलिय वे बीच-बीच में कहते हैं- चलो, अब बिजनेस की बात कर ली जाए। वे विवाह जैसे पवित्र बंधन में भी बिजनेस खोज रहे हैं। वे शायद भूल रहें हैं कि ऐसा करने से आपसी संबंधो की मधुरता नष्ट हो जाती है।
             रामस्वरूप को अपनी पढ़ी –लिखी बेटी की उच्च शिक्षा को छिपाना गलत है । उन्हें तो अपनी बेटी पर गर्व होना चाहिए और उसके साथ मजबूती से खड़ा होना चाहिए । और उसके लिए एक अच्छे वर की तलाश करनी चाहिए ।

            यहाँ रामस्वरूप आधुनिक सोच वाले व्यक्ति होने के बावजूद कायरता का परिचय दे रहे हैं । वे मजबूर होने के कारण गोपाल प्रसाद से कम अपराधी हैं। रामस्वरूप का वश चलता तो गोपाल प्रसाद जैसे लोगों को खरी–खरी सुनाता ।

 

प्रश्न-5.“….आपके लाड़ले बेटे के की रीढ़ की हड्डी भी है या नहीं ….” उमा इस कथन के माध्यम से शंकर की किन कमियों की ओर संकेत करना चाहती है ?
उत्तर:- इस कथन के माध्यम से उमा शंकर की निम्न कमियों की ओर संकेत करना चाहती है – 
1-शंकर स्वयं कोई निर्णय नहीं ले सकता है

2-वह अपने पिता की हाँ में हाँ मिलाता रहता है ।

3-शंकर हमेशा लड़कियों के छात्रावास के आसपास घूमता रहता है ।

4-वह शरीर से कमजोर है इसलिए ठीक बैठ नहीं पाता है ।

                                                                                                                                                                                                                                                                                              पाठ रीढ़ की हड्डी

प्रश्न-6.शंकर जैसे लड़के या उमा जैसी लड़कीसमाज को कैसे व्यक्तित्व की जरूरत है? तर्क सहित उत्तर दीजिए। 

उत्तर:-समाज में शंकर जैसे लड़कों की कोई जरुरत नहीं है। एक तो वह शरीर से कमजोर है और खुद कोई निर्णय नहीं ले सकता। वह अपने पिता की हाँ में हाँ मिलाता रहता है। ऐसा लड़का विवाह के बाद ठीक से घर नहीं चला पाता। उसके परिवार में हमेशा क्लेश बना रहता है। ऐसे लोगों से समाज को कोई प्रेरणा नहीं मिलेगी समाज को उमा जैसी उच्च शिक्षित और साहसी लड़की की ही आवश्यकता है। जो निडर होकर गोपाल प्रसाद और शंकर जैसे छोटी मानसिकता रखने वालों को खरी–खरी सुनती है। उमा निडर और गुणवान है। समाज में जब उसके जैसी लडकियाँ होंगी, तभी हमारा समाज आगे बढ़ पायेगा। हमें ऐसी लड़कियों का सम्मान करना चाहिए।

प्रश्न-7.‘रीढ़ की हड्डीशीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर:- शंकर स्वयं निर्णय ले पाने में सक्षम नहीं है। यदि वह समझदार होता तो उसके पिता उसके सामने कम पढ़ी–लिखी लड़की की बात ही नहीं करता। वह कायर होने के कारण अपने पिता की हाँ में हाँ करता रहता है। उसकी इस कायरता के कारण ही उसे ‘रीढ़ की हड्डी’ के बिना दिखाया गया है। लड़का और लड़की रीढ़ की हड्डी के समान होते हैं। उनके अच्छे रिश्ते प्रेम और अपनेपन से बनते हैं। इस पाठ के माध्यम से यही बताने का प्रयास किया गया है कि नर और नारी दोनों में ही समानता होनी चाहिए। नारी को कमतर समझ कर हम एक प्रगति शील समाज की कल्पना नहीं कर सकते। ‘रीढ़ की हड्डी’ एकांकी का शीर्षक सफल और सार्थक है।

प्रश्न-8. कथा वस्तु के आधार पर आप किसे एकांकी का मुख्य पात्र मानते हैं और क्यों?

उत्तर:- कथा वस्तु के आधार पर उमा को एकांकी का मुख्य पात्र मानते हैं। इस एकांकी में मुख्य रूप से दो पात्र हैं- उमा और शंकर। वैसे तो पूरी कहानी में राम स्वरुप और गोपाल प्रसाद ही छाए रहते हैं। लेकिन कहानी उमा और शंकर के विवाह के निकट ही घूमती है। ये मंच पर भले ही न हों, लेकिन बात इन्हीं दोनों के बारे में होती है। शंकर मुख्य पात्र हो सकता था, लेकिन वह कमजोर साबित होता है। इसलिए उमा एक शिक्षित और निडर पात्र के रूप में उभर कर सामने आती है। वह गोपाल प्रसाद और शंकर को परास्त कर देती है। वह कुछ समय  आकार भी कहानी और पाठक दोनों को प्रभावित करती है। वह समाज को एक नई सोच और दिशा प्रदान करती है। उसे हम इस कहानी की प्रभावशाली पात्र कह सकते हैं। इसलिए उमा ही ‘रीढ़ की हड्डी’ की मुख्य पात्र है।

प्रश्न-9.एकांकी के आधार पर रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद की चारित्रिक विशेषताएँ बताइए ।

उत्तर:- राम स्वरुप और गोपाल प्रसाद की चारित्रिक विशेषताएँ इस प्रकार हैं –

रामस्वरूप

1-वह आधुनिक विचारों वाला व्यक्ति है ।

2-वह स्त्री शिक्षा का समर्थक है ।

3-स्त्री शिक्षा का समर्थक होने के कारण अपनी बेटी को उच्च शिक्षा दिलाता है ।

4-वह अपनी बेटी को पढ़कर गर्व करता है

5-वह अपनी बेटी की शादी के कारण उसकी शिक्षा छिपाता है

6-वह एक मजबूर और कायर पुरुष का परिचय देता है ।

7-वह लड़की-लड़का में भेद नहीं करता है ।

रामगोपाल–

1-वह पढ़ा-लिखा वकील है ।

2-वह चालाक और लालची है वह स्त्री शिक्षा का विरोधी है ।

3-वह स्त्री शिक्षा का विरोधी है ।

4- वह विवाह को बिजनेस मानता है ।

5-वह अपने ज़माने को अच्छा मानता है

6-वह पुरुष सत्ता का समर्थक है ।

7-वह लड़का-लड़की में भेद करता है ।

 

प्रश्न-10. इस एकांकी का क्या उद्देश्य है? लिखिए।

उत्तर:- इस एकांकी के उदेद्श्य निम्न हैं
1-यह एकांकी लड़का – लड़की समानता का समर्थक है।
2-स्त्री शिक्षा को समाज में स्थान दिलाना ।

3- बेटियों के विवाह में माता – पिता को होने वाली परेशानियों को उजागर करना।

4- लड़की के पिता को सीख देना ।

5- स्त्री को भी अपने विचार व्यक्त करने की आज़ादी देना।

6- लड़कियों के विवाह में आने वाली समस्या को समाज के सामने लाना।

7-लड़कों की सच्चाई को सामने लाना।

8-विवाह को बिजनेस समझने वाले लोगों को सामने लाना ।

9-नारी को साहसी और निडर बनाना।

10-स्त्री – शिक्षा के विरोधियों को सामने लाना ।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                    रीढ़ की हड्डी एकांकी

प्रश्न-11. समाज में महिलाओं को उचित गरिमा दिलाने हेतु आप कौन – कौन से प्रयास कर सकते हैं ? 

उत्तर:- हम निम्नलिखित प्रयास कर सकते हैं-

1- लोगों को स्त्री शिक्षा का महत्व बताकर।

2- लड़का – लड़की में कोई भेद(अंतर) न करके ।

3- उसका हमेशा सम्मान करके ।

4-स्त्रियों के प्रति गलत प्रचार को रोककर

5- लड़कियों को सभी क्षेत्रों में आगे आने के लिए प्रेरित करना ।
6- हम उन्हें हमेशा अच्छी नजर से देखेंगे।

7- महिलाओं को उनकी इच्छा के अनुसार जीने देना चाहिए ।

8- उन्हें विभिन्न प्रकार के अवसर प्रदान करके ।

9- उनके अच्छे कार्यों के लिए पुरस्कार देकर ।

10- लड़की के जन्म पर खुशियाँ मनाएँगे ।

                                             -:समाप्त:-

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Chapter 2 – Reedh ki Haddi

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आप हमेशा खुश रहें,

आज के लिए इतना ही ।

धन्यवाद!   डॉ. अजीत भारती

By hindi Bharti

Dr.Ajeet Bhartee M.A.hindi M.phile (hindi) P.hd.(hindi) CTET

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