सच्चाई का संग
सच्चाई का संग?
ईमानदार गरीब लड़का – “सच्चाई का संग”
पार्ट-1
एक सुंदर गाँव में, जहां हर कोने में हरियाली फैली हुई थी, रहता था एक ईमानदार और गरीब लड़का, नाम था राजू। राजू गरीब था, पर उसकी ईमानदारी और सहानुभूति की कमी नहीं थी।
एक दिन, गाँव में एक शक्स आया जिसका नाम था विक्रम, जो भगवान की मूर्ति की तलाश में था। विक्रम गाँववालों से मिलकर उनसे एक बड़े रत्न के बारे में सुना। उसने गाँववालों से कहा कि जो भी उसे बड़े रत्न का स्थान बताएगा, उसे बहुत बड़ा इनाम मिलेगा।
राजू ने सुनकर इसे चुनौती स्वीकार कर ली। उसने अपनी गरीबी के बावजूद ईमानदारी से बताया कि उसे पता है कहां पर बड़ा रत्न है।
पार्ट-2
राजू ने विक्रम को जंगल की ओर ले जाने का मार्ग बताया, और वह दोनों मिलकर अपने सफल सफर की शुरुआत कर दी। लेकिन जंगल में पहुंचने के बाद, राजू ने एक छोटे से गुफा को दिखाया और कहा, “यहां है बड़ा रत्न, पर इसे छूना मना है।”
विक्रम ने उस गुफा में जाकर रत्न को देखा, और उसकी भलाई के लिए उसे लेने का निर्णय किया। राजू ने अपनी ईमानदारी से कहा, “मैंने तुम्हें बताया था कि यह छूना मना है, क्योंकि यह हमारी साझीवी के लिए है।”
इसके बाद, विक्रम ने अपनी चोरी का खुलासा किया और रत्न को गाँववालों के सामने लाने का निर्णय किया। गाँववालों ने राजू की बड़ी समर्थन की, और उन्होंने विक्रम को गाँव से बहिष्कृत कर दिया।
पार्ट-3
राजू की ईमानदारी और सहानुभूति ने उसे गाँववालों का प्यार और सम्मान दिलाया। उसका नाम गाँव में रोशन हो गया और लोग उसे अपना हीरो मानने लगे।
इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि सच्चाई और ईमानदारी हमेशा जीतती हैं, चाहे जीवन में कितनी भी मुश्किलें क्यों ना हों। राजू ने गरीबी के बावजूद अपने सिर पर बुलंदी बनाई रखी, और उसकी सच्चाई ने उसे लोगों के दिलों में बसा दिया।
इस कहानी का नाम है “ईमानदार गरीब लड़का – सच्चाई का संग”।