रीतिकाल की प्रमुख विशेषताएँ
रीतिकाल की प्रमुख विशेषताएँ?
1-आश्रयदाताओं की प्रशंसा- इस काल के कवि राजाओं के आश्रय में रहते थे। वे उन्हीं के गुण गाते थे।
2-जनता की उपेक्षा- रीतिकाल के कवि अपनी रचनाओं में नायक-नायिका के प्रेम प्रसंग का वर्णन करते थे। वे आम जनता के बारे में कुछ नहीं लिखते थे।
3- पांडित्य प्रदर्शन- इस युग के कवियों ने दूसरे कवियों से स्वयं को श्रेष्ठ दिखाने के लिए कठिन काव्य लिख दिए। जो सामान्य लोग पढ़कर समझ ही नहीं पाए।
4- नायक और नायिका भेद- रीतिकाल के कवियों ने नायक तथा नायक भेद को लेकर, उनके प्रेम और सौंदर्य का चित्रण किया है।
5- अश्लील वर्णन- इस काल के कवियों ने शृंगार रस के चित्रण में कई अश्लील वर्णन किए हैं।
रीतिकाल की प्रमुख विशेषताएं बताइए
6- नारी के प्रति दृष्टिकोण- इस युग की रचनाओं में नारी को भोग की वस्तु के रूप में चित्रित किया गया है।
7-प्रकृति चित्रण- रीतिकालीन कवियों ने प्रकृति के सुंदर चित्र खीचें हैं।
8- रीति का प्रयोग- इस युग के कवियों ने रीति परंपरा को अपनाया है जैसे- नायिका भेद, सौंदर्य वर्णन, लौकिक शृंगार आदि प्रमुख हैं।
9-मुक्तक शैली का प्रयोग- रीतिकालीन कवियों ने अपनी रचनाओं के लिए मुक्तक शैली का विशेष प्रयोग किया है।
10- अलंकारों का प्रयोग- रीतिकाल के अधिकांश कवियों ने अपनी रचनाओं में अलंकारों का खूब प्रयोग किया है।
11- छंदों का प्रयोग- इस युग के कवियों ने छंदों के प्रयोग से कविता को कठिन कर दिया है।
12- ब्रजभाषा का प्रयोग- रीतिकाल के कवियों ने अपनी काव्य-रचनाओं के लिए ब्रजभाषा का प्रयोग किया है।
13- अतिशयोक्तिपूर्ण वर्णन- रीतिकाल के कवियों ने नायिका के सौंदर्य को बढ़ा-चढ़ा कर प्रस्तुत किया है।
14-श्रृंगार के दोनों पक्षों का चमत्कार वर्णन- इस काल के कवियों ने अपनी रचनाओं के दोनों पक्षों संयोग और वियोग शृंगार का वर्णन किया है।
रीतिकाल के प्रमुख कवि और उनकी रचनाएँ
1- बिहारी- बिहारी सतसई
2- भूषण- शिवराज भूषण, शिवाबवनी, छत्रसाल
3- मतिराम- रसराज, ललित ललाम
4- देव- भाव विलास, भवानी विलास
5- पद्माकर– जगत विनोद, गंगा लहरी
6- घनानन्द- सुजान सिंह, इश्क लता
7- सेनापति- कविरात्नाकर, काव्यकल्पद्रुम
धन्यवाद!
डॉ. अजीत भारती (www.hindibharti.in)