Upsarg-Prefixes-उपसर्ग
Upsarg-Prefixes-उपसर्ग-किसी भी नए शब्द को मुख्यतः चार प्रकार से बनाया या निर्माण किया जा सकता है- वे हैं- उपसर्ग, प्रत्यय, समास और संधि | लेकिन cbse बोर्ड ने नवीन शब्दों को बनाने के लिए तीन प्रकार माने हैं-
चलो शरू करते हैं-
(उपसर्ग)
ये दो शब्दों से मिलकर बना है-उप+सर्ग=
उप का अर्थ है- समीप /पास |
सर्ग का अर्थ है- भाग /सृष्टि करना |
उदाहरण:– अनुवाद = अनु + वाद
शब्दांश(उपसर्ग )- अनु
मूल शब्द-वाद
नया शब्द-अनुवाद
परिभाषा:- वे शब्दांश (अनु) जो मूलशब्द (वाद) के पहले में जुड़कर उसके अर्थ को प्रभावित करते हैं या नया शब्द बनाते हैं, उसे उपसर्ग कहते हैं |
- इस प्रकार उपसर्ग का अर्थ हुआ ‘किसी शब्द के समीप आकर नए शब्द का निर्माण करना या बनाना |’
जैसे- ‘हार’ शब्द का अर्थ है–पराजय और एक आभूषण |
लेकिन जब इसके पहले ‘आ’ शब्दांश जुड़ जाता है तो नया शब्द बनता है– आहार |
आहार का अर्थ होता है–भोजन
आ + हार = आहार (नया शब्द)
उपसर्ग(शब्दांश) और शब्द में अंतर
1-उपसर्ग की अपनी कोई स्वतंत्र सत्ता नहीं होती है, यह जिस शब्द के पहले आता है उसके अर्थ को प्रभावित करता है |
2-उपसर्ग का स्वतंत्र रूप से कोई अर्थ नहीं होता है, जबकि शब्द का अपना अर्थ होता है |
3-शब्द का प्रयोग उपसर्ग के बिना भी किया जा सकता है जबकि उपसर्ग को शब्द की तरह प्रयोग नहीं किया जा सकता है |
संस्कृत के उपसर्ग
- अ उपसर्ग का प्रयोग अभाव, निषेध के अर्थ में|
उपसर्ग मूलशब्द नवनिर्मित शब्द
अ मूर्त अमूर्त
अ मर अमर
अ शोक अशोक
अ बोध अबोध
अ न्याय अन्याय
अ नीति अनीति
अ ज्ञान अज्ञान
अ शुद्ध अशुद्ध
अ लौकिक अलौकिक
अ पठित अपठित
आ उपसर्ग का प्रयोग सहित, तक, ओर के अर्थ में |
उपसर्ग मूलशब्द नवनिर्मित शब्द
आ जन्म आजन्म
आ हार आहार
आ वेग आवेग
आ लोक आलोक
आ भार आभार
आ कर्षण आकर्षण
आ शंका आशंका
आ काश आकाश
आ चरण आचरण
-
अंतर उपसर्ग का प्रयोग भीतर के अर्थ में |
उपसर्ग मूलशब्द नवनिर्मित शब्द
अंतर् ज्ञान अंतर्ज्ञान
अंतर् गत अंतर्गत
अंतर् मन अंतर्मन
अंतर् राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय
अंतर् रिक्ष अंतरिक्ष
-
अति उपसर्ग का प्रयोग अधिक, ऊपर के अर्थ में |
उपसर्ग मूलशब्द नवनिर्मित शब्द
अति आचार अत्याचार
अति अधिक अत्यधिक
अति उत्तम अत्युतम
अति रिक्त अतिरिक्त
अति अंत अत्यंत
-
अधि उपसर्ग का प्रयोग– ऊपर, श्रेष्ठ, ऊँचे, प्रधानता के अर्थ में |
उपसर्ग मूलशब्द नवनिर्मित शब्द
अधि ग्रहण अधिग्रहण
अधि आदेश अध्यादेश
अधि आत्म अध्यात्म
अधि कृत अधिकृत
अधि कार अधिकार
-
अन् उपसर्ग का प्रयोग– अभाव के अर्थ में |
उपसर्ग मूलशब्द नवनिर्मित शब्द
अन् आचार अनाचार
अन् अर्थ अनर्थ
अन् उचित अनुचित
अन् अंत अनंत
अन् आवश्यक अनावश्यक
-
अनु उपसर्ग का प्रयोग– पीछे, समान के अर्थ में|
उपसर्ग मूलशब्द नवनिर्मित शब्द
अनु वाद अनुवाद
अनु उत्तीर्ण अनुत्तीर्ण
अनु भव अनुभव
अनु शासन अनुशासन
अनु करण अनुकरण
अनु सार अनुसार
अनु कूल अनुकूल
अनु उपस्थित अनुपस्थित
अनु ज अनुज
-
प्राक्/प्राग् का प्रयोग – पहले के अर्थ में |
उपसर्ग मूलशब्द नवनिर्मित शब्द
प्राक् कथन प्राक्कथन
प्राक् ऐतिहासिक प्रागैतिहासिक
-
प्रति उपसर्ग का प्रयोग– सामने, विरुद्ध, प्रत्येक, बदले में, सामने के अर्थ में|
उपसर्ग मूलशब्द नवनिर्मित शब्द
प्रति क्रिया प्रतिक्रिया
प्रति शोध प्रतिशोध
प्रति क्षण प्रतिक्षण
प्रति निधि प्रतिनिधि
प्रति रूप प्रतिरूप
प्रति एक प्रत्येक
प्रति कुल प्रतिकूल
प्रति वर्ष प्रतिवर्ष
-
वि उपसर्ग का प्रयोग– विरोध, अभाव, विशेषता, भिन्नता, हीनता के अर्थ में |
उपसर्ग मूलशब्द नवनिर्मित शब्द
वि लक्षण विलक्षण
वि नाश विनाश
वि जय विजयवि
वि शुध्द विशुध्द
वि देश विदेश
वि पक्ष विपक्ष
वि सम विषम
वि राम विराम
वि हार विहार
वि नम्र विनम्र
वि क्रय विक्रय
वि फल विफल
वि ज्ञान विज्ञान
-
स उपसर्ग का प्रयोग – सहित के अर्थ में|
उपसर्ग मूलशब्द नवनिर्मित शब्द
स परिवार सपरिवार
स जल सजल
स जीव सजीव
स रस सरस
स फल सफल
स हित सहित
स हर्ष सहर्ष
-
सत् उपसर्ग का प्रयोग – सच्चा के अर्थ में |
उपसर्ग मूलशब्द नवनिर्मित शब्द
सत् जन सज्जन
सत् आचार सदाचार
सत् गति सद्गति
सत् पुरुष सद्पुरुष
सत् वादी सत्यवादी
सत् कर्म सत्कर्म
सत् आग्रह सत्याग्रह
-
सम उपसर्ग का प्रयोग– समान के अर्थ में |
उपसर्ग मूलशब्द नवनिर्मित शब्द
सम तल समतल
सम रस समरस
सम कालिक समकालिक
सम कोण समकोण
सम कालीन समकालीन
सम व्यस्क समवयस्क
-
सं (सम्) उपसर्ग का प्रयोग– अच्छा, संयोग, पूर्णता, सुन्दर के अर्थ में |
उपसर्ग मूलशब्द नवनिर्मित शब्द
सम् कल्प संकल्प
सम् गीत संगीत
सम् साधन संसाधन
सम् उचित समुचित
सम् जय संजय
सम् यम संयम
सम् कल्प संकल्प
सम् स्कार संस्कार
सम् स्कृत संस्कृत
सम् मान सम्मान
सम् विधान संविधान
सम् सद संसद
सम् चय संचय
सम् पूर्ण सम्पूर्ण
सम् ग्राम संग्राम
-
सु उपसर्ग का प्रयोग– अच्छा, सहज, अधिक, शुभ, सुन्दर के अर्थ में|
उपसर्ग मूलशब्द नवनिर्मित शब्द
सु आगत स्वागत
सु शील सुशील
सु गम सुगम
सु शिक्षित सुशिक्षित
सु प्रसिद्ध सुप्रसिद्ध
सु कर्म सुकर्म
सु पुत्र सुपुत्र
सु मन सुमन
सु कन्या सुकन्या
सु लेख सुलेख
सु शील सुशील
सु गंध सुगंध
सु पात्र सुपात्र
सु दर्शन सुदर्शन
सु बोध सुबोध
-
सह उपसर्ग का प्रयोग– साथ के अर्थ में |
उपसर्ग मूलशब्द नवनिर्मित शब्द
सह पाठी सहपाठी
सह यात्री सहयात्री
सह योगी सहयोगी
सह मत सहमत
सह कर्मी सहकर्मी
सह भागी सहभागी
सह उदार सहोदर
-
स्व / स्वयं उपसर्ग का प्रयोग– अपना / अपने, आप के अर्थ में |
उप
सर्ग मूलशब्द नवनिर्मित शब्द
स्व देश स्वदेश
स्व छन्द स्वछन्द
स्व अभिमान स्वाभिमान
स्वयं सेवक स्वयंसेवक
स्वयं वर स्वयंवर
स्व तंत्र स्वतंत्र Upsarg-Prefixes-उपसर्ग
हिन्दी के उपसर्ग
- अ उपसर्ग का प्रयोग– अभाव, निषेध के अर्थ में |
- उपसर्ग मूलशब् नवनिर्मित शब्द
अ लग अलग
अ चूक अचूक
अ धीर अधीर
अ भागा अभागा
अ भाव अभाव
अ चर अचर
-
अध उपसर्ग का प्रयोग– आधा के अर्हत में |
उपसर्ग मूलशब्द नवनिर्मित शब्द
अध पका अधपका
अध कचरा अधकचरा
अध मरा अधमरा Upsarg-Prefixes-उपसर्ग
-
अन उपसर्ग का प्रयोग–निषेध, अभाव के अर्थ में|
उपसर्ग मूलशब्द नवनिर्मित शब्द
अन सुनी अनसुनी
अन मोल अनमोल
अन मना अनमना
अन देखी अनदेखी
अन पढ़ अनपढ़
-
उन उपसर्ग का प्रयोग– एक कम के अर्थ में |
उपसर्ग मूलशब्द नवनिर्मित शब्द
उन पचास उनचास
उन सत्तर उनहत्तर
उन बीस उन्नीस
-
औ / अव उपसर्ग का प्रयोग– हीनता, निषेध के अर्थ में |
उपसर्ग मूलशब्द नवनिर्मित शब्द
अव गुण अवगुण
औ तार औतार
औ गुन अवगुन
-
क / कु उपसर्ग का प्रयोग– बुरा, बुराई, नीचता के अर्थ में |
उपसर्ग मूलशब्द नवनिर्मित शब्द
कु पूत कुपूत
क पूत कपूत
कु ख्यात कुख्यात
-
चौ उपसर्ग का प्रयोग–चार के अर्हत में |
उपसर्ग मूलशब्द नवनिर्मित शब्द
चौ गुना चौगुना
चौ पाया चौपाया
चौ खट चौखट
चौ पाई चौपाई Upsarg-Prefixes-उपसर्ग
-
दु उपसर्ग का प्रयोग– बुरा, हीन, कम के अर्थ में|
उपसर्ग मूलशब्द नवनिर्मित शब्द
दु पट्टा दुपट्टा
दु बला दुबला
दु कान दुकान
दु गुनी दुगुनी
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नि उपसर्ग का प्रयोग– निषेध, अभाव, रहित के अर्थ में |
उपसर्ग मूलशब्द नवनिर्मित शब्द
नि डर निडर
नि पूता निपूता
नि हत्था निहत्था
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पर उपसर्ग का प्रयोग – दूसरा, दूसरी, पीढ़ी के अर्थ में |
उपसर्ग मूलशब्द नवनिर्मित शब्द
पर दादा परदादा
पर देश परदेश
पर तंत्र परतंत्र
पर आया पराया
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बिन उपसर्ग का प्रयोग–निषेध, रहित के अर्थ में |
उपसर्ग मूलशब्द नवनिर्मित शब्द
बिन बुलाया बिनबुलाया
बिन बिका बिनबिका
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भर उपसर्ग का प्रयोग – भरा हुआ, पूरा, ठीक के अर्थ में |
उपसर्ग मूलशब्द नवनिर्मित शब्द
भर पूर भरपूर
भर पेट भरपेट
भर पाई भरपाई
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स / सु उपसर्ग का प्रयोग–उत्तम, अच्छा, सुन्दर, साथ के अर्हत में|
उपसर्ग मूलशब्द नवनिर्मित शब्द
सु पुत्र सुपुत्र
सु कन्या सुकन्या
सु गम सुगम
स आदर सादर
स चेत सचेत Upsarg-Prefixes-उपसर्ग
उर्दू – फ़ारसी के उपसर्ग
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बद उपसर्ग का प्रयोग– बुरा के अर्थ में |
उपसर्ग मूलशब्द नवनिर्मित शब्द
बद नाम बदनाम
बद सूरत बदसूरत
बद बू बदबू
बद सलूक बदसलूक
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सर उपसर्ग का प्रयोग– प्रमुख, मुख्य के अर्थ में |
उपसर्ग मूलशब्द नवनिर्मित शब्द
सर पंच सरपंच
सर कार सरकार
सर हद सरहद
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हम उपसर्ग का प्रयोग– साथ, समान के अर्थ में |
उपसर्ग मूलशब्द नवनिर्मित शब्द
हम सफर हमसफर
हम शक्ल हमशक्ल
हम वतन हमवतन
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हर उपसर्ग का प्रयोग- प्रत्येक के अर्थ में |
उपसर्ग मूलशब्द नवनिर्मित शब्द
हर एक हरएक
हर घड़ी हरघड़ी
हर रोज हररोज
हर जगह हरजगह
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बे उपसर्ग का प्रयोग– अभाव, बिना के अर्थ में|
उपसर्ग मूलशब्द नवनिर्मित शब्द
बे दाग बेदाग
बे कार बेकार
बे कसूर बेकसूर
बे वफा बेवफा
बे रहम बेरहम
बे ईमान बेईमान
बे अक्ल बेअक्ल
बे चारा बेचारा
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Upsarg-Prefixes-उपसर्ग
आज के लिए इतना ही
धन्यवाद!
डॉ.अजीत भारती