आधुनिक काल की विशेषताएं

आधुनिक काल की विशेषताएं? आधुनिकल की प्रमुख विशेषताएँ, कवि एवं रचनाएँ –

 

1- देशप्रेम की भावना- इस युग के कवियों ने अपनी कविताओं में देश के गौरव और संस्कृति का वर्णन किया है, वहीं पराधीनता के चक्र में फँसे भारतियों की देशप्रेम की भावना का चित्रण किया है।

2-सामाजिक चेतना की भावना- इस युग के कवियों ने समाज में व्याप्त, जाति प्रथा, बाल विवाह, अंध विश्वास आदि कुरीतियों के प्रति अपना आक्रोश दिखाया है।

3- यथार्थ की प्रधानता- आधुनिक काल के कवियों ने मानव जीवन की समस्याओं और उसके जीवन के यथार्थ सत्य को चित्रित किया है।

4- विभिन्न वादों का विकास- आधुनिक हिंदी कविता में छायावाद, प्रगतिवाद, प्रयोगवाद, स्वच्छन्दता, हालावाद, नई कविता का उदय हुआ।


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5-प्रकृति वर्णन- आधुनिक युग के कवियों ने प्रकृति की मनोरम छवियों का सुन्दर चित्रण किया है। कविता में प्रकृति का मानवीयकरण रूप विशेष रूप से मिलता है।

6-सामाजिक समानता की भावना- आधुनिक युग के कवियों ने आर्थिक एवं सामाजिक दृष्टि से समानता की भावना पर विशेष बल दिया है।

7- शोषकों के प्रति विद्रोह- इस युग के कवियों ने मजदूरों, किसानों और समाज के पिछड़े और दलित लोगों का शोषण करने वालों के प्रति आक्रोश एवं विद्रोह के भाव व्यक्त किए हैं।

8- शोषितों के प्रति सहानुभूति- जमीदारों और पूंजीपतियों द्वारा सताए गए मजदूरों और किसानों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की है।

9- खाड़ी बोली का प्रयोग- आधुनिक युग की कविताओं में कवियों ने खड़ीबोली का प्रयोग किया है।

10- विविध शैलियों का प्रयोग- आधुनिक हिंदी कविता में प्रबंध काव्य और मुक्तक काव्य शैली के साथ-साथ विभिन्न शैलियों का प्रयोग हुआ है।


11- नए उपमानों का प्रयोग- इस युग के कवियों ने कविता में पुराने उपमानों के स्थान पर नए उपमानों का प्रयोग किया है जैसे-प्रेम की असफलता के लिए- ‘प्यार का बल्ब फ्यूज हो गया’।

12- मुक्तक छंद का प्रयोग- हिंदी आधुनिक युग के कवियों ने बिना छंद की कविताएँ भी लिखीं हैं। जिसकी शुरुआत निराला जी की थी।

13- प्रतीकों का प्रयोग- आधुनिक हिंदी कवियों ने  कविता में अपनी बात को सीधे–सीधे न कहकर प्रतीकों के माध्यम से कहा है।

14-मनोवैज्ञानिक चित्रण- इस युग के हिंदी कवियों ने स्त्री और पुरुष की दमित यौन भावनाओं का मनोवैज्ञानिक चित्रण किया है।


आधुनिक काल के प्रमुख कवि और रचनाएँ

प्रमुख कवि   रचनाएँ

1- भारतेंदु हरिश्चंद्र-   भारत दुर्दशा, भारत जननी।

2- मैथिलीशरण गुप्त-   पंचवटी, भारत-भारती।

3- अयोद्ध्या सिंह उपाध्याय- प्रिय प्रवास, रश कलश।

4- जयशंकर प्रसाद-   कामायनी, आंसू।

5- रामधारी सिंह दिनकर –   कुरुक्षेत्र, हुंकार।

6- अज्ञेय-   आंगन के पार द्वार, हरि घास   पर क्षणभर।


आधुनिक काल के प्रमुख कवि-https://vimisahitya.wordpress.com/category/%E0%A4%86%E0%A4%A7%E0%A5%81%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%95-%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B2-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%95%E0%A4%B5%E0%A4%BF/page/2/

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डॉ. अजीत भारती (www.hindibharti.in)

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