सूफी काव्यधारा की प्रमुख विशेषताएँ
सूफी काव्यधारा की प्रमुख विशेषताएँ?
प्रेममार्गी की प्रमुख विशेषताएँ (प्रवृत्तियाँ)
1-प्रेम-भावना की प्रधानता- इस युग की रचनाओं में नायक-नायिका के प्रेम का सुन्दर चित्रण किया गया है।
2-ईश्वर को प्राप्त करने का आधार सच्चा प्रेम- सूफी काव्य में ईश्वर को प्राप्त करने के लिए सच्चे प्रेम को महत्व दिया है।
3- अलौकिक प्रेम की व्यंजना- प्रेम गाथा काव्य परम्परा के अधिकांश कवियों ने लौकिक प्रेमकथाओं के माध्यम से अलौकिक प्रेम की व्यंजना की है।
4- विरह-वर्णन में मार्मिकता की भावना- इस युग में नायक-नायिका के विरह-वर्णन को मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया है।
5-मसनवी शैली का प्रयोग- सूफीकव्य धारा के अधिकांश कवि मुसलमान हैं, परन्तु उनमें धार्मिक कट्टरता का अभाव है।
6-प्रेमगाथाओं का नामकरण- इस युग की रचनाओं के नामकारण नायिका के आधार पर किया गया है।
7-हिन्दू संस्कृति का चित्रण- सूफीकाव्य में कवियों ने अपनी रचनाओं में भारतीय हिन्दू संस्कृति का चित्रण किया है।
8-अवधी भाषा का प्रयोग- इस युग के कवियों ने अवधी भाषा का सुंदर प्रयोग किया है।
9-प्रतीकों का प्रयोग- प्रेम मार्गी शाखा के कवियों ने अपनी बात को प्रतीकों के माध्यम से चित्रित किया है।
प्रेममार्गी/सूफी काव्यधारा के प्रमुख कवि और रचनाएँ
रचनाकार रचनाएँ
जायसी – पद्मावत, अखरावट, कहरनामा
उसमान – चित्रावली
मंझन – मधुमालती
कुतुबुन – मृगावती
शेखनवी – ज्ञानदीप
नूर मोहम्मद – अनुराग बाँसुरी
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सूफी काव्यधारा https://sunitasharmahpu.wordpress.com/2020/12/10/sufi-kavydhara-or-sufi-kvi/