ज्ञानमार्गी शाखा की विशेषताएँ

ज्ञानमार्गी शाखा की विशेषताएँ ? निर्गुण काव्यधारा को दो भागों में विभाजित किया गया है।

Gyanmarigi shakha ki pramukh visheshtayen-

1-ज्ञान को ही भक्ति का आधार मानना- इस युग के कवि ज्ञान को अधिक महत्व देते हैं।

2-आत्मा और परमात्मा को एक मनना- कवि स्वयं को आत्मा और निराकार ईश्वर को परमात्मा मानते हैं।

3-सांसारिक नश्वरता का प्रतिपादन- इस युग के कवियों का मनना है कि संसार में सभी एक न एक दिन नष्ट अवश्य होंगे।

4-हठयोग की साधना पर बल- इस काल सभी कवि ईश्वर की भक्ति के लिए हठ योग साधना को महत्व देते हैं।

5-गुरु की महत्ता पर बल- इस काल के कवि गुरु को अधिक महत्व देते हैं। उनका मनना है कि गुरु के बिना कुछ भी संभव नहीं है। गुरु ही ब्रह्मा के दर्शन कराता है।


ज्ञानमार्गी शाखा के कवि


6- मोह-माया का विरोध- इस काल के सभी कवियों ने सांसारिक मोह-माया से दूर रहने की बात कही है।

7-प्रतीकों का प्रयोग- इसमें कवियों ने अपनी बात को सीधे-सीधे न कहकर प्रतीकों के माध्यम प्रस्तुत किया है।

8-अलंकारों का विशेष प्रयोग- इस युग के कवियों ने अलंकार का प्रयोग कविता में विशेष चमत्कार के लिए नहीं किया है बल्कि भावों को उभारने के लिए किया है।

9-गेय मुक्तक पदों का प्रयोग- ज्ञानमार्गी शाखा में कवियों के पदों को गाया जा सकता है। इसलिए उन्हें गेय पद कहा जाता है।

10-रस का प्रयोग- संत काव्य में शांत रस का अधिक प्रयोग किया गया है।


ज्ञान मार्गी/संत काव्य धारा के प्रमुख कवि और रचनाएँ

 रचनाकार       रचनाएँ  

  कबीर –   बीजक   

  रैदास–  रविदास की बानी

  नानकदेव –   जपुसी, सोहिला

    दादू दयाल–  अंगवधू, हरडे वाणी          

  मलूकदास –  ज्ञानबोध, रतनखान

  सुन्दरदास-  ज्ञानसमुद, सुन्दर विलास 


संतकाव्य धारा-https://www.google.com/search?q=%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%A4+%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A5%8D%E0%A4%AF+%E0%A4%A7%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BE+%E0%A4%95%E0%A4%BE+%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%9A%E0%A4%AF&oq=%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%A4+%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A5%8D%E0%A4%AF+%E0%A4%A7%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BE+&aqs=chrome.5.69i57j0i19l7j0i10i19j0i19.18740j0j7&sourceid=chrome&ie=UTF-8

प्रेमशाखा धारा-https://hindibharti.in/%e0%a4%b8%e0%a5%82%e0%a4%ab%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%b5%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%a7%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%ae%e0%a5%81%e0%a4%96/

 


प्रश्न- 1.

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प्रश्न- 2.

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प्रश्न- 3.

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प्रश्न- 4.

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प्रश्न- 5.

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प्रश्न- 9.

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प्रश्न- 10.

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धन्यवाद!

  डॉ. अजीत भारती

  (www.hindibharti.in)

By hindi Bharti

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