krishnabhakti shakha ki visheshtayen
krishnabhakti shakha ki visheshtayen ? भक्तिकाल को दो भागों में विभाजित किया गया है।
कृष्ण भक्ति शाखा विशेषताएँ
1- सगुण कृष्ण की उपासना- इस युग के कवियों ने श्रीकृष्ण के साकार रूप का चित्रण किया है। कृष्ण अपने भक्त पर मुसीबत आने पर उनकी रक्षा करते हैं। इसलिए भक्त उनकी उपासना करते हैं।
2- कृष्ण की लीलाओं का गान- कृष्ण भक्त कवियों ने राधा-कृष्ण की लीलाओं का वर्णन अपने काव्य में प्रमुख रूप से किया है।
3- गुरु महिमा का गान- इस काल के कवियों ने गुरु के महत्व को स्वीकारा है।
4- अवतार वाद पर बल- कृष्ण को विष्णु का अवतार माना गया है। इस युग के कवियों का मनना है कि विष्णु हर युग में अलग-अलग नाम से अवतार लेते हैं।
5- सखा एवं दास भाव की भक्ति- इस युग के कवियों ने स्वयं को अपने अराध्य का दास अथवा सखा माना है।
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6- माधुर्य भाव की भक्ति- इस युग के कवियों ने कृष्ण लीलाओं का गान माधुर्य भाव में किया है। अपने काव्य में माधुर्य भाव की भक्ति भावना का समावेश करके जनता के लिए आकर्षक बनाया है।
7- ब्रज भाषा का प्रयोग- सभी कृष्ण भक्त कवियों ने अपने काव्य की रचना ब्रज भाषा में की है।
8- गेय मुक्त पद शैली- गेय का अर्थ है- जिसे गाया जा सके और मुक्त पद का अर्थ है- नीचे वाले पद का ऊपर वाले पद से कोई संबंध न होना।
9- वात्सल्य रस का प्रयोग- सूरदास जैसे कवियों ने कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन वात्सल्य रस में किया है। उन्हें वात्सल्य का श्रेष्ठ कवि माना जाता है।
10- शृंगार रस का प्रयोग- राधा–कृष्ण के प्रेम को शृंगार रस के दोनों पक्षों संयोग और वियोग शृंगार रस में मिलता है। उनके प्रेम में किसी प्रकार का स्वार्थ नहीं है।
11- प्रकृति का चित्रण- कवियों ने कृष्ण की ब्रजभूमि और उनसे जुड़े स्थलों के प्राकृतिक सौंदर्य का सुंदर चित्रण किया है।
कृष्ण भक्ति काव्यधारा की विशेषताएंhttps://www.google.com/search?q=%E0%A4%95%E0%A5%83%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%A3+%E0%A4%AD%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BF+%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%A7%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BE+%E0%A4%95%E0%A5%80+%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B6%E0%A5%87%E0%A4%B7%E0%A4%A4%E0%A4%BE%E0%A4%8F%E0%A4%82&oq=%E0%A4%95%E0%A5%83%E0%A4%B7%E0%A5%8D%E0%A4%A3%E0%A4%AD%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BF+%E0%A4%A7%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BE+&aqs=chrome.7.69i57j0i19l4j0i10i19i22i30j0i8i13i19i30j0i8i10i13i19i30.14256j0j7&sourceid=chrome&ie=UTF-8
आप हमेश स्वस्थ और खुश रहें !
डॉ. अजीत भारती (www.hindibharti.in)