8–भाव पल्लवन/भाव विस्तार का उदाहरण
प्रश्न-8. “लालच बड़ी बुरी बला है” का भाव पल्लवन लिखिए।
उत्तर- “लालच बड़ी बुरी बला है” का भाव पल्लवन।
“लालच बड़ी बुरी बला है” लालच से हमारे अंदर कमियां जन्म लेती हैं। लालच वह इच्छा है जो व्यक्ति को आवश्यकता से अधिक पाने के लिए प्रेरित करती है, चाहे इसके लिए उसे गलत रास्ते पर क्यों न जाना पड़े। जब मनुष्य लालच में पड़ता है, तो वह अपने नैतिक मूल्यों और आदर्शों को भुला देता है और केवल अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए काम करता है।
लालच से व्यक्ति कभी संतुष्ट नहीं होता। उसकी इच्छाएँ अनगिनत हो जाती हैं और वह जितना प्राप्त करता है, उससे अधिक पाने की लालसा में फंसता चला जाता है। इससे न केवल उसकी मानसिक शांति नष्ट हो जाती है, बल्कि वह अपने सगे-संबंधियों को भी खो देता है। लालच में व्यक्ति धन, पद और सम्मान के पीछे भागता है, लेकिन इसके परिणामस्वरूप उसे अधिकतर दुख, तनाव और असफलता ही हाथ लगती है।
इतिहास गवाह है कि लालच के कारण कई महान सभ्यताएँ, साम्राज्य और संस्कृतियाँ नष्ट हो गईं हैं। लालच से प्राप्त संपत्ति या सुख स्थायी नहीं होते, बल्कि यह अंततः व्यक्ति को विनाश की ओर ले जाते हैं। इसलिए हमें संतोष, सादगी और संयम के साथ जीवन जीने की कला सीखनी चाहिए जिससे लालच जैसी बुरी बला से बचा जा सके।
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