स्वयं प्रकाश का साहित्यिक परिचय
स्वयं प्रकाश का जीवन क्या है? लेखक का परिचय मध्य प्रदेश बोर्ड के अनुसार सरल और सही लिखा है ।
प्रश्न-‘स्वयं प्रकाश’ का साहित्यिक परिचय निम्न बिन्दुओं पर लिखिए:
(ii)दो रचनाएँ (ii) भाषा-शैली
उत्तर-स्वयं प्रकाश का साहित्यिक परिचय
(i)दो रचनाएँ-सूरज कब निकलेगा, प्रतीक्षा।
(ii)भाषा-शैली-स्वयं प्रकाश रचना के आधार पर भाषा-शैली का प्रयोग करते हैं-
- भाषा-
स्वयं प्रकाश खड़ीबोली के लेखक हैं। उन्होंने लोकप्रचित खड़ीबोली का सरलता से प्रयोग किया है। पात्रों के अनुसार इनकी भाषा बदलती रहती है। इनकी भाषा लोकोक्ति और मुहावरे से रुचिकर बन जाती है। इनकी भाषा में बनावटी और दिखावटीपन नहीं है।
- शैली-
इन्होंने विषय के अनुरूप शैली को अपनाया है, जो इस प्रकार है-
(i)वर्णनात्मक शैली का प्रयोग-लेखक वर्णनात्मक शैली का प्रयोग घटना, व्यक्ति अथवा वस्तु के लिए करते हैं।
(ii)किस्सागोई शैली का प्रयोग- लेखक अपनी कहानियों को रोचक बनाने के लिए किस्सागोई शैली में रचते हैं।
(iii)भावात्मक शैली का प्रयोग- इस शैली के द्वारा लेखक भावपूर्ण भावना को व्यक्त करने के लिए प्रयोग करते हैं।
साहित्य में स्थान-
स्वयं प्रकाश निम्न वर्ग, शोषित समाज, उपेक्षित वर्ग एवं नारी उत्थान के प्रति चिंता प्रकट करते हैं। उन्होंने आम जनता से जुड़ी समस्याओं को अपना विषय बनाया है। आप आधुनिक साहित्य के प्रमुख लेखक हैं। उन्हें साहित्य जगत हमेशा याद करेगा।
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डॉ. अजीत भारती (www.hindibharti.in)