सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का परिचय
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का परिचय?
प्रश्न-‘सूर्यकांत त्रिपाठी निराला’ जी की काव्यगत विशेषताएँ निम्न बिन्दुओं पर लिखिए:
(i) दो रचनाएँ (ii) काव्यगत विशेषताएँ
उत्तर- सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
- दो रचनाएँ- तुलसीदास, परिमल।
- काव्यगत विशेषताएँ- सूर्यकांत त्रिपाठी निराला के काव्य की प्रमुख विशेषताएँ-
1-भावपक्ष-
(i)प्रकृति चित्रण- सभी छायावादी कवियों की तरह निराला जी ने भी प्रकृति का जीवंत चित्रण किया है।
(ii)देश प्रेम की भावना- निराला जी के काव्य में देशप्रेम की भावना भी खूब दिखाई देती है। ओज गुण से उनकी कविताएँ भरी हुई हैं।
(iii)सौंदर्य का वर्णन- निराला छायावाद के प्रमुख कवियों में से एक हैं। उनके काव्य में प्रेम और सौंदर्य का सुन्दर चित्रण दिखाई देता है।
2-कलापक्ष-
(i)भाषा- निराला जी खड़ीबोली के प्रसिद्ध कवि है। कहीं-कहीं संस्कृत के शब्द भी मिलते हैं।
(ii)शैली- सरल, प्रवाहपूर्ण और चुटीली शैली का प्रयोग किया है।
(iii)छंद- आप पहले कवि हैं जिन्होंने सबसे पहले बिना छंद की कविताएँ शुरू की थीं। निराला जी ने अपने काव्य में छंदों के नए-नए प्रयोग किए हैं।
(iv)अलंकार- निराला ने अपने काव्य में रूपक, उपमा, उत्प्रेक्षा, मानवीकारण आदि अलंकारों का अधिक प्रयोग किया है।
- साहित्य में स्थान- छायावादी कवियों में निरालाजी का उच्च स्थान है। वे मुक्तक छंद के पिता कह जाते हैं। उन्होंने नए कवियों को एक नई दिशा दी। हिंदी जगत उन्हें हमेशा याद करेगा ।
आचार्य- डॉ. अजीत भारती