वाक्य और भेद
-:वाक्य संरचना:-
सबसे पहले एक उदाहरण से हम वाक्य समझेंगे-
उदाहरण- विनायक पुस्तक पढ़ता है |
वर्ण- व् +इ +न्+आ+य +अ +क्+अ
शब्द- विनायक
वाक्य- विनायक पुस्तक पढ़ता है
इस प्रकार वाक्य के सम्बन्ध में निम्न बिंदु निकलकर आए-
- वाक्य शब्दों(सार्थक) के मेल से बनते हैं|
- इनके शब्द(पद) व्यवस्थित क्रम में होते हैं|
- ये पूर्ण और स्वतंत्र होते हैं |
- इसमें वक्ता (बोलनेवाला) की कही बातों का आशय स्पष्ट करते हैं |
- ये शब्दों के एक निश्चित क्रम में होते हैं |
वाक्य की परिभाषा :-शब्दों का वह सार्थक और व्यवस्थित समूह जो किसी विचार या भाव को प्रकट करता है, उसे वाक्य कहते हैं |
जैसे- 1. मैं कल आगरा जाऊँगा |
2.अमित पुस्तक पढ़ता है और सुमित निबंध लिखता है |
3.गाँधी ने कहा कि अंग्रेजों भारत छोड़ो|
वाक्य के अंग
वाक्य के दो अंग होते हैं –
1- उद्देश्य
2- विधेय
प्रश्न-उद्देश्य किसे कहते हैं ?
उत्तर-उद्देश्य की परिभाषा- वाक्य में जिसके बारे में कहा जाए, उसे उद्देश्य कहते हैं |
उदाहरण:- अनुराग लखनऊ में रहता है|
स्पष्टीकरण- उदाहरण में अनुराग के बारे में कहा जा रहा है, अतः अनुराग उद्देश्य हुआ |
प्रश्न- विधेय किसे कहते हैं ?
उत्तर- विधेय की परिभाषा- वाक्य में कर्ता(उद्देश्य) के विषम में जो कुछ कहा जाए, उसे विधेय कहते हैं|
उदाहरण:- अनुराग लखनऊ में रहता है |
( उद्देश्य) ( विधेय)
स्पष्टीकरण- उदाहरण में लखनऊ में रहता है | कर्ता के विषय में कहा गया है | अतः लखनऊ में रहता है- विधेय हुआ|
-
हम ऐसे भी कह सकते हैं-जिसके बारे में कहा जाए उसे उद्देश्य और जो कहा जाए उसे विधेय कहते हैं |
नोट- *वाक्य में कर्म, पूरक एवं क्रिया मिलकर विधेय की रचना करते हैं |
*विधेय कर्ता के कार्य का सूचक होता है |
उद्देश्य एवं विधेय के अन्य उदाहारण
1- राम के छोटे भाई लक्ष्मण ने परशुराम का क्रोध भड़का दिया |
2- रंग – बिरंगे फूल सबका मन मोह लेते हैं |
3- नीली ड्रेस वाली हॉकी टीम ने लगातार कई गोल किए |
नोट- जो नीले रंग से लिखे वाक्य उद्देश्य और हरे रंग के विधेय हैं |
प्रश्न-वाक्य के कितने भेद हैं ?
उत्तर- वाक्य के दो भेद हैं-
1-रचना के आधार पर वाक्य
2-अर्थ के आधार पर वाक्य
प्रश्न-रचना के आधार पर वाक्य के कितने भेद हैं?
उत्तर- रचना के आधार पर वाक्य के तीन भेद हैं-
1-सरल वाक्य
2-संयुक्त वाक्य
3-मिश्र वाक्य
अर्थ आधार पर वाक्य के भेद
प्रश्न-सरल वाक्य की परिभाषा देते हुए उदाहरण समझाइए |
उत्तर- सरल वाक्य की परिभाषा- जिस वाक्य में एक उद्देश्य और एक विधेय हो, उसे सरल या साधारण वाक्य कहते हैं |
जैसे-1- विनायक पुस्तक पढता है |
कर्ता कर्म क्रिया
उद्देश्य विधेय
2. चिड़िया उड़ती है |
कर्ता क्रिया
उद्देश्य विधेय
3.अमित का मित्र नीरज हिंदी पुस्तकें अधिक पढ़ता है|
कर्ता कर्ता कर्म कर्म क्रिया क्रिया
विस्तारक विस्तारक विस्तारक
उद्देश्य विधेय
4- वासु व विनायक कबड्डी खेलते हैं |
कर्ता कर्ता क्रिया समान
उद्देश्य विधेय
नियम- यदि वाक्य में कर्ता एक से अधिक हों परन्तु क्रिया सामान रहे, तो सभी कर्ताओं को एक ही उद्देश्य माना जाता है |
उदाहरण5. विनायक पढ़ व लिख रहा है |
कर्ता क्रिया क्रिया
उद्देश्य विधेय
नियम– यदि वाक्य में करता एक है और उसके द्वारा क्रियाएँ एक से अधिक की जा रही हैं, तो उसमें सरल वाक्य ही होगा |
उदाहरण-6.राम, लक्ष्मण व भरत पढ़ व लिख रहे हैं |
कर्ता कर्ता कर्ता क्रिया क्रिया
उद्देश्य विधेय
नियम- यदि वाक्य में कर्ता एक से अधिक हों और क्रियाएँ भी एक से अधिक हों तो प्रत्येक कर्ता द्वारा की गई क्रिया सामान है, सरल वाक्य होगा |
उदाहरण 7.राम, श्याम, भरत और लक्ष्मण एक साथ खाते-पीते, पढ़ते–लिखते और खेलते–कूदते हैं|
कर्ता कर्ता कर्ता कर्ता क्रिया क्रिया क्रिया
उद्देश्य विधेय
नियम- यदि क्रिया समान है तो सभी कर्ता एक ही उद्देश्य माने जाएँगे, यदि उद्देश्य एक है तो विधेय भी एक होंगे |
उदाहरण 8.भाई – बहिन स्कूल में बैठे है |
कर्ता कर्ता क्रिया
उद्देश्य विधेय
नोट-1. सामान्यता वाक्य का कर्ता उद्देश्य और कर्ता से पूर्व के पद उद्देश्य का विस्तार होते हैं | इसके अंतर्गत कर्ता और उसका विस्तार आता है |
2-क्रिया विधेय और क्रिया से पूर्व के पद विधेय का विस्तार होते हैं | इसके अंतर्गत-कर्म, कर्म का विस्तार (विशेषण पद या पदबंध ),क्रिया , क्रिया-विस्तार, पूरक, पूरक विस्तार, अन्य कारकीय पद आते हैं |
प्रश्न- संयुक्त वाक्य की परिभाषा देते हुए उदाहरण समझाइए |
उत्तर- संयुक्त वाक्य की परिभाषा- जहाँ दो या दो से अधिक स्वतंत्र वाक्य योजक शब्दों द्वारा जुड़े होते हैं, उन्हें संयुक्त वाक्य कहते हैं |
अथवा
जब दो या दो से अधिक स्वतंत्र उपवाक्य किसी योजक द्वारा जुड़े होते हैं, तब उन्हें संयुक्त वाक्य कहते हैं |
योजक शब्द- (लेकिन, किंतु, परंतु, अथवा, और, तथा, फिर, या, तथा, मगर, पर, एवं, व, चाहे, यानि, बल्कि, इसलिए, अतः, अन्यथा, ताकि, अतएव, जिससे, नहीं तो आदि ) |
जैसे- अमित पुस्तक पढता है और मोहन लिख रहा है |
↓
(योजक शब्द)
अन्य उदाहरण:-
1.अतुल खेल रहा है, मनोज पढ़ रहा है |
कर्ता क्रिया कर्ता क्रिया
(उद्देश्य) (विधेय) (उद्देश्य) (विधेय)
प्रश्न-संयुक्त वाक्य की विशेषताएँ लिखिए?
उत्तर-एक से अधिक उपवाक्य होते हैं|
- सभी उपवाक्य स्वतंत्र होते हैं |
- उपवाक्य योजक शब्द से जुड़े होते हैं|
- कुछ संयुक्त वाक्य बिना योजक शब्दों के भी होते हैं |
प्रश्न-मिश्र वाक्य/मिश्रित वाक्य की परिभाषा देते हुए उदाहरण समझाइए |
उत्तर- परिभाषा-जिस वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य और एक या एक से अधिक आश्रित उपवाक्य हों, उसे मिश्र वाक्य कहते हैं |
जैसे- 1-गाँधी ने कहा कि सदा सत्य बोलो| उपवाक्य उपवाक्य
(प्रधान उपवाक्य) (आश्रित उपवाक्य)
नोट-1-प्रधान उपवाक्य-गाँधी ने कहा
2-आश्रित उपवाक्य-सदा सत्य बोलो
3-योजक शब्द-कि
नोट- योजक शब्द के बाद वाले वाक्य आश्रित उपवाक्य कहलाते हैं। योजक के पहले वाले वाक्य प्रधान उपवाक्य कहलाते हैं।
2.जैसा करोगे वैसा भरोगे |
उपवाक्य उपवाक्य
नोट- 1.जब वाक्य योजक शब्दों से आरंभ हो तो मिश्र वाक्य होते हैं |
2-ऐसे वाक्यों में अंतिम उपवाक्य प्रधान होते हैं |
वाक्य और भेद
उपवाक्य में आप निम्न बाते जानेंगे-
1-उपवाक्य किसे कहते हैं?
2- भेद ।
3-प्रधान उपवाक्य ।
4-आश्रित उपवाक्य ।
5-वाक्य, उपवाक्य, प्रधान उपवाक्य और आश्रित उपवाक्य में अंतर ।
प्रश्न-उपवाक्य किसे कहते हैं ?
उत्तर-उपवाक्य की परिभाषा- जब एक वाक्य में अनेक वाक्य होते हैं, तो उस एक वाक्य में जो कई वाक्य मिले होते हैं, उन्हें ही उपवाक्य कहते हैं|
उदाहरण- महावीर ने कहा कि हिंसा मत करो, झूठ मत बोलो।
नोट-इस वाक्य में 3 तीन उपवाक्य हैं।
अथवा
संयुक्त वाक्य और मिश्र वाक्य एक से अधिक वाक्यों के मेल से बनते हैं| उन्हीं कई वाक्यों को उपवाक्य कहते हैं|
जैसे- हमारी बड़ी इच्छा थी कि तुम डॉक्टर बनों|
स्पष्टीकरण- इस वाक्य में दो उपवाक्य हैं-
1-हमारी बड़ी इच्छा थी|
2-तुम डॉक्टर बनों|
दूसरा उदाहरण- जो व्यक्ति मेहनती और सच्चे होते हैं, सब उनका सम्मान करते हैं तथा वे जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं|
स्पष्टीकरण- इस वाक्य में तीन उपवाक्य हैं-
1.जो व्यक्ति मेहनती और सच्चे होते हैं|
2.सब उनका सम्मान करते हैं|
3.वे जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं|
प्रश्न-उपवाक्य के कितने भेद हैं ?
उत्तर-उपवाक्य के दो भेद होते हैं
1-प्रधान उपवाक्य
2-आश्रित उपवाक्य
1.प्रधान उपवाक्य-
परिभाषा- जो उपवाक्य पूरे वाक्य से अलग होकर अपना पूर्ण और स्वतंत्र अर्थ रखता है, तथा दूसरे उपवाक्य उस पर आश्रित होते हैं, उसे प्रधान उपवाक्य कहते हैं|
जैसे- विनायक ने कहा कि मैं खेलूँगा|
इसमें विनायक ने कहा–प्रधान उपवाक्य है|
2.आश्रित उपवाक्य-
परिभाषा-जो उपवाक्य स्वतंत्र रूप से अपना पूर्ण अर्थ स्पष्ट नहीं करा सकते और प्रधान उपवाक्य पर आश्रित रहते हैं, उन्हें आश्रित उपवाक्य कहते हैं|
जैसे- विनायक ने कहा कि मैं खेलूँगा|
स्पष्टीकरण- इसमें ‘मैं खेलूँगा’– आश्रति उपवाक्य है|
वाक्य और भेद
आश्रित उपवाक्य पहचानने की ट्रिक
आश्रित उपवाक्य की पहचान है- इसमें वाक्य के आगे योजक शब्द लिखा रहता है। मिश्र वाक्य में योजक शब्द के पीछे वाला भाग आश्रित होता है।
जैसे-गुरूजी ने कहा कि झूठ मत बोलो।
स्पष्टीकरण- इस वाक्य में कि योजक शब्द झूठ मत बोलो के पहले आया है , इसलिए झूठ मत बोलो आश्रित उपवाक्य होगा ।
वाक्य, उपवाक्य, प्रधान उपवाक्य और आश्रित उपवाक्य में क्या अंतर है-
वाक्य | उपवाक्य | प्रधान उपवाक्य | आश्रित उपवाक्य |
शब्दों के सार्थक समूह को वाक्य कहते हैं| | एक वाक्य में जो कई वाक्य होते हैं, उन्हें ही उपवाक्य कहते हैं | जिस वाक्य पर दूसरे वाक्य आश्रित होते हैं या स्वतंत्र होते हैं | जो वाक्य दूसरों पर आश्रित होते हैं, उन्हें आश्रित उपवाक्य कहते हैं |
जैसे- विनायक पुस्तक पढ़ता है | | जैसे- विनायक पुस्तक पढ़ता है और आरुषि खाना खाती है| | जैसे- जैसे- गाँधी जी ने कहा कि हिंसा मत करो| | जैसे- गाँधी जी ने कहा कि हिंसा मत करो| |
वाक्य और भेद
आश्रित उपवाक्य के बाद अब आप आश्रित उपवाक्य के भेदों को जानेंगे-
तो चलो शुरू करते हैं-
प्रश्न-आश्रित उपवाक्य के कितने भेद हैं?
उत्तर- आश्रित उपवाक्य के तीन भेद हैं-
(i) संज्ञा आश्रित उपवाक्य
(ii) विशेषण आश्रित उपवाक्य
(iii) क्रिया आश्रित उपवाक्य
1.संज्ञा आश्रित उपवाक्य-
परिभाषा- जो आश्रित उपवाक्य संज्ञा की तरह प्रयुक्त हो, उसे संज्ञा आश्रित उपवाक्य कहते हैं|
नोट- संज्ञा आश्रित उपवाक्य मुख्य उपवाक्य से कि, क्योंकि योजक द्वारा जुड़े होते हैं|
जैसे- मेरे जीवन का लक्ष्य है कि मैं शिक्षक बनूँ|
स्पष्टीकरण- इसमें ‘मैं शिक्षक बनूँ’-संज्ञा आश्रित उपवाक्य
अन्य उदाहरण-
1.मंत्री जी ने कहा कि मैं इस्तीफा देना चाहता हूँ|
स्पष्टीकरण- इसमें मैं इस्तीफा देना चाहता है’- संज्ञा आश्रित उपवाक्य है|
2.विशेषण आश्रित उपवाक्य-
परिभाषा- जो आश्रित उपवाक्य विशेषण की तरह प्रयोग हो, विशेषण आश्रित उपवाक्य कहते हैं |
नोट- विशेषण आश्रित उपवाक्य मुख्य उपवाक्य से जिन योजकों से जुड़े होते हैं, वे हैं-
जो, जिससे, जिसे, जिन्होंने, जिसने, जिनकों, जिसके, जिन |
जैसे- वह लड़का जो कल बीमार था, आज आया है |
स्पष्टीकरण- इसमें ‘जो कल बीमार था’ विशेषण आश्रित उपवाक्य |
3.क्रियाविशेषण आश्रित उपवाक्य –
परिभाषा- जब आश्रित उपवाक्य, मुख्य उपवाक्य में प्रयुक्त क्रिया की विशेषता बताता है तो उसे क्रियाविशेषण आश्रित उपवाक्य कहते हैं|
जैसे- जब पानी बरसता है, तब मेढ़क बोलता हैं|
नोट- क्रियाविशेषण आश्रित उपवाक्य, मुख्य उपवाक्य जिन योजकों से जुड़े होते हैं, वे हैं-
जैसे, तैसे, ज्यों, जिधर, जितना, जैसे, वैसे, जब, तब, उतना, तथापि, तो, आदि हैं|
अन्य उदाहरण-
1.जहाँ तुम पढ़ते थे वही मैं भी पढ़ता था |
वाक्य और भेद
*आश्रित उपवाक्य के भेद जानने के बाद आप क्रिया विशेषण आश्रित उपवाक्य के भी भेद या प्रकार जानेंगे –
प्रश्न-क्रियाविशेषण आश्रित उपवाक्य के किते भेद हैं?
उत्तर-क्रियाविशेषण आश्रित उपवाक्य के पाँच भेद हैं-
1.कालवाचक उपवाक्य
2.स्थान वाचक उपवाक्य
3.रीति वाचक उपवाक्य
4.परिमाण वाचक उपवाक्य
5.कार्य-करक वाचक क्रिया विशेषण उपवाक्य
1.कालवाचक क्रियाविशेषण आश्रति उपवाक्य-
परिभाषा- जिन उपवाक्यों में क्रिया के होने के समय का बोध हो, उन्हें कालवाचक क्रियाविशेषण आश्रित उपवाक्य कहते हैं।
इन उपवाक्यों को जोड़ने वाले योजक हैं-जबतक, ….तबतक, जब-जब—तब तब,ज्यों ही —त्यों ही, जब—तक, जब कभी।
उदाहरण-
1- जब तक रमेश घर पहुँचा, श्याम जा चुका था ।
2- जब आरुषि पढ़ रही थी, तब मैं घर के भीतर था।
2.स्थानवाचक क्रियाविशेषण आश्रति उपवाक्य-
परिभाषा-जिन उपवाक्यों से क्रिया के स्थान का बोधा हो, उन्हें स्थान वाचक क्रियाविशेषण आश्रित उपवाक्य कहते हैं ।
इन उपवाक्यों को जोड़ने वाले योजक हैं–जहाँ—वहाँ, जिधर—उधर, यहाँ—वहाँ ।
उदाहरण-
1.जिधर हम जा रहे हैं, सभी लोग उधर ही मिलेंगे ।
2.जहाँ कभी पेड़ ही पेड़ खड़े थे वहाँ एक अजीब–सा सन्नाटा था ।
3- जहाँ तुम खेलते थे वहीं मैं खेलता था।
3.रीति वाचक क्रियाविशेषण आश्रति उपवाक्य-
परिभाषा- जिन उपवाक्यों में कार्य करने के ढंग(तरीका) का बोध हो, उन्हें रीति वाचक क्रियाविशेषण आश्रति उपवाक्य कहते हैं ।
इन उपवाक्यों को जोड़ने वाले योजक हैं-
जिस तरह, मनो, जैसा—वैसा, जैसी –वैसी ।
उदाहरण-
1.मैंने वैसे ही पढ़ा है जैसा आपने पढ़ाया है।
2.बच्चे वैसा ही करते हैं जैसा बड़े करते हैं।
4.परिमाण वाचक क्रियाविशेषण आश्रति उपवाक्य-
परिभाषा- जिन उपवाक्यों से मुख्य क्रिया की मात्रा का बोधा हो, उन्हें परिमाणवाचक क्रियाविशेषण आश्रति उपवाक्य कहते हैं । इन उपवाक्यों को जोड़ने वाले योजक हैं- जहाँ तक —वहाँ तक, जितना — उतना, जैसे- जैसे—वैसे-वैसे, जितनी—उतनी ।
उदाहरण-
1.जितना परिश्रम करोगे उतना ही अच्छा परिणाम मिलेगा।
2.जैसे-जैसे आय बढ़ती है वैसे-वैसे खर्चा बढ़ता है।
5.कार्य-कारण वाचक क्रियाविशेषण आश्रति उपवाक्य-
परिभाषा- जिन उपवाक्यों से कार्य के होने या करने के कारण का बोधा हो, उन्हें कार्य-कारण वाचक क्रियाविशेषण उपवाक्य कहते हैं। इन उपवाक्यों को जोड़ने वाले योजक हैं- यदि—तो, यद्यपि—तथापि, क्योंकि, ताकि।
उदाहरण-
1.खूब परिश्रम करो ताकि परीक्षा में उत्तीर्ण हो सको ।
2.राम स्कूल नहीं गया क्योंकि उसे तेज बुखार था ।
अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद उदाहरण साहित
अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद-
1-विधान वाचक वाक्य- जिन वाक्यों से किसी बात या कार्य के होने की सूचना मिलती है, उन्हें विधान वाचक वाक्य कहते हैं |
जैसे-
1. राध्या पढ़ती है ।
2. अमित कार चलता है।
3. नीलम स्कूल जाती है।
4. दादा जी बाजार जाते हैं।
5. माता जी मंदिर में पूजा कर रही है।
2-निषेध वाचक वाक्य- जिस वाक्य से किसी कार्य के न होने की सूचना मिलती है, उसे निषेध वाचक वाक्य कहते हैं ।
जैसे-
1. मैं स्कूल नहीं जाऊँगा।
2. अंकित पुस्तक नहीं पढ़ता है।
3. रमा ने फुटबाल खेलने से मना कर दिया।
4. मनीष को साईकिल चलानी नहीं आती है।
5.
3-प्रश्न वाचक वाक्य – जिस वाक्य में प्रश्न पूछे जाने का बोध हो, उसे प्रश्न वाचक वाक्य कहते हैं ।
जैसे- तुम्हारा नाम क्या है ?
4-आज्ञा वाचक वाक्य- जिस वाक्य से आदेश या आज्ञा या प्रार्थना का बोध हो, उसे आज्ञा वाचक वाक्य कहते हैं।
जैसे- शोर मत करो।
5-विस्मयादि वाचक वाक्य- जिस वाक्य से आश्चर्य, हर्ष, घृणा, भय, शोक, विस्मय आदि का बोधा हो, उसे विस्मयादि वाचक वाक्य कहते हैं ।
जैसे- वाह! कितना सुंदर महल है ।
6-इच्छा वाचक वाक्य- जिस वाक्य से किसी की इच्छा, कामना या आशीर्वाद, आकांक्षा का बोध हो, उसे इच्छा वाचक वाक्य कहते हैं ।
जैसे- तुम्हारी यात्रा सफल हो ।
7-संदेह वाचक वाक्य- जिन वाक्यों से संदेह या सम्भावना का बोध हो, उसे संदेह वाचक वाक्य कहते हैं ।
जैसे- शायद आज वर्षा होगी ।
8-संकेत वाचक वाक्य या शर्त बोधक वाक्य- जिस वाक्य से किसी प्रकार के संकेत का भाव प्रकट होता है, उसे संकेत वाचक वाक्य कहते हैं ।
जैसे- यदि तुम पढ़ाई करते तो पास हो जाते ।
वाक्य किसे कहते हैं यहीं समाप्त हुआ | धन्यवाद!
डॉ.अजीत भारती
वाक्य और भेद/वाक्य और भेद
अर्थ के आधार पर वाक्य के कितने भेद होते हैं |