बाजार दर्शन कक्षा 12
बाजार दर्शन कक्षा 12 ? पर प्रायोजना कार्य बनाना जानेंगे
(प्रयोजना कार्य-2)
प्रश्न-2.‘बाजार दर्शन’ पाठ के आधार पर अपने क्षेत्र के बाजार का वर्णन कीजिए।
उत्तर- मैं एक तहसील में रहता हूँ। जिसे मिनी सिटी या क़स्बा भी कह सकते हैं। जहाँ जरुरत की सभी चीजे मिल जाती हैं।
हमारे यहाँ तीन तरह के बाजार लगते है। प्रत्येक रविवार को दशहरा मैदान में सब्जी मंडी लगती है। जहाँ पर सभी क्षेत्र के निवासी सप्ताह में एक बार सब्जी इसी बाजार से खरीदते हैं।
सब्जी मंडी की दाएँ ओर गल्ला मंडी लगती है। जो सब्जी मंडी से लगभग 300 मीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ पर अनाज ख़रीदा और बेचा जाता है। किसान बैल गाड़ी अथवा ट्रैक्टर में खेतों से अनाज भरकर लाते हैं। स्थानीय व्यापारी बाजार के भाव से इन अनाजों को खरीदते हैं। अनाज के बदले में उन्हें पैसे देते हैं। किसान अपने घर का खर्च इन्हीं बेचे हुए पैसों से चलाते हैं। वह अपनी जरुरत का पूरा सामान भी उसी बाजार से खरीदते हैं।
परियोजना कार्य कक्षा 12
एक बाजार क़स्बा के पूरब में है जहाँ कपड़े, मोबाइल, टीवी, कृषि कार्य हेतु सामान, खाद एवं बीज, राशन का सामान, मिठाई,
पुस्तकें एवं स्टेशनरी का सामान और बच्चों के खिलौने आदि से दुकाने पूरे सप्ताह सजी रहती हैं।
लेकिन इस बाजार में रविवार और त्योहारों में रौनक छाई रहती है। ये मार्केट इतने आकर्षक होते हैं कि न चाहते हुए भी हम
कुछ न कुछ अवश्य खरीदते हैं।
जगह-जगह पानी पूरी और चाट वाले, फल बेचने वाले, आइसक्रीम वाले, लोहा पीटने वाले एवं अन्य प्रतिदिन के कार्यों में प्रयोग होने वाले सामानों के ठेले भी बाजार में रहते हैं।
इस प्रकार हमारे यहाँ का छोटा-सा बाजार हमारे शहर की जरूरतों को ही नहीं पूरा करते बल्कि आकर्षण और मनोरंजन के केंद्र भी होते हैं।
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mp board class 12 project board -1
डॉ. अजीत भारती