निबंध किसानों का पलायन

निबंध किसानों का पलायन?

नवीन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, भोपाल (म.प्र.)

      (प्रायोजना कार्य-7)

नाम- विवेक यादव   

कक्षा-12वीं

रोल नम्बर-………

विषय-हिंदी

 

प्रश्न-7. किसान अपने व्यवसाय से पलायन कर रहे हैं, इस विषय पर एक संक्षिप्त निबंध लिखिए।

(सत्र-2022-23)

(प्रायोजना कार्य-7)


उत्तर-निबंध लेखन

शीर्षक- किसानों का पलायन

रुपरेखा-

1- भूमिका-

2- किसान और पलायन

3- किसानों के पलायन का कारण

4- किसानों के पलायन के उपाय

5- उपसंहार


 

1-भूमिका- भारत एक कृषि प्रधान देश है। जहाँ की लगभग 65% आबादी कृषि पर जीवनयापन करते हैं। कहने का अर्थ है कि भारत के अधिकांश लोग कृषि का कार्य करते हैं। समय के अनुसार देश के सभी लोगों की आर्थिक स्थिति में तेजी से बदलाव हुए हैं। और वे आज अच्छा जीवन जी रहे हैं। वहीं दूसरी ओर अन्न दाता की इनकम दुगुनी करने की बात की जाती है और प्रयास भी होते हैं लेकिन उसकी आर्थिक स्थिति में बहुत सुधार नहीं हुआ है। वह आज भी सुविधा के आभाव में जीवन यापन कर रहा है। उसकी चिंता तो सभी को सताती है। परन्तु जमीनी कहानी उसकी वर्षों से वैसी ही चली आ रही है।

  कई बार सूखा और बाढ़ के कारण उसे बहुत हानि उठानी पड़ती है। फिर वह निराश होकर शहर जाकर मजदूरी करने के लिए विवश हो जाता है।   

2- किसान और पलायन-

किसान को हम अन्नदाता और जीवन दाता जैसे सुंदर वर्णों से उसे नवाजते हैं। गुरु नानक ने तो खेती करने वाले को सबसे श्रेष्ठ माना है। शायद उनके समय में किसान श्रेष्ठ ही रहा होगा परन्तु आज उसकी स्थिति पहले से बदली हुई है। किसान पहले भी लोगों की भूख मिटाने के लिए धरती का सीना चीरकर पूरे संसार का पोषण करता है। जिसका सबसे बड़ा प्रमाण कोविड-19 वायरस महामारी के समय देखने को मिला  था। जो सारे संसार का पेट भरता है आज उसकी दशा संतोषजनक नहीं है। वह आज अपने किसानी कार्य से बहुत खुश नहीं है।  

आज देश का कोई किसान अपनी संतान को किसान नहीं बनाना चाहता है। वह शहर के चकाचौन्द का दीवाना होता है। ख़ुशी और सुख की तलाश के लिए  वह शहर की ओर पलायन करता है। वहाँ सुख और शांति की तलाश में आता जरुर है लेकिन उसे उसके लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है।

3- किसानों के पलायन का कारण-

एक समय में किसान अपने गाँव में खुशाल जिंदगी जीते थे। समय परिवर्तन के साथ सब बदला, नहीं बदला, तो किसान और उसकी जिंदगी। बाजार की चकाचौंध और पूंजीवाद के कारण उसकी सोचने-समझने का भाव बदल गया है। पहले एक किसान के पास सैकड़ों एकड़ जमीन होती थी। धीरे-धीरे परिवार बढ़ने के कारण जमीन छोटी होती गई। जिसके कारण वह अपने गाँव से पलायन कर जाता है। बहुत से किसान अपने बच्चों को शहर में अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए भी पलायन करता है। कभी-कभी कर्ज न चुकाने के कारण मजदूरी करने के लिए शहर पलायन कर जाता है। किसान का पलायन करने के ऐसे अनगिनत कारण हैं।    

4- किसानों के पलायन के उपाय- कोई भी किसान अपनी जमीन और गाँव से दूर नहीं रहना  चाहता है। लेकिन कभी-कभी वह मजबूर होकर कठोर निर्णय लेता है। सबसे पहले उनकी समस्याओं को गंभीरता से लेना चाहिए। सरकार को उनके लिए लाभकारी योजनाएँ बनानी चाहिए।

 शहरों की तरह गाँव में स्कूल, अस्पताल, बाजार आदि सुविधाएँ हो जाएँ, तो मुझे नहीं लगता कि वे अपने गाँव से पलायन करेंगे।

  किसान संगठनों को सरकार के साथ मिलकर योजनाओं को किसान भाईयों तक पहुँचाकर उन्हें लाभान्वित कराना चाहिए।

5- उपसंहार-

किसान धरती पर हल चलाकर अन्न ही नहीं उगाते बल्कि उसको सजाते और सँवारते  भी हैं। वह सदियों से वीर योद्धा की तरह संघर्ष करता आया है। उसने कभी हार नहीं मानी है। अगर सरकार थोड़ा सा भी ध्यान और सहयोग कर दे तो उनका पलायन निश्चित ही रुक जाएगा। उनका जीवन पहले की भांति सुख, शांति और आनंद से बीतने लगेगा।  

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डॉ. अजीत भारती (www.hindibharti.in)

By hindi Bharti

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