तोप कविता का सार

तोप कविता का सार?

C.B.S.E.  /CLASS 10 /HINDI-B /N.C.E.R.T.


पाठ-तोप-वीरेन डंगवाल  

(पाठ का सारांश Summary)

इस कविता में एक ‘तोप का वर्णन किया गया है।

कविता में कवि कहता है कि कंपनी बाग़(ईस्ट इंडिया द्वारा बनाए गए बाग़) के मुख्य द्वार पर एक तोप रखी दिखाई देती है। इस तोप का प्रयोग 1857 ई. के स्वतंत्रता संग्राम में किया गया था। विरासत में मिलने के कारण इसकी अच्छी देखरेख की जाती है कम्पनी बाग की तरह। तोप को सालभर में कम से कम दो बार चमकाया जाता है। उस बाग़ में प्रतिदिन कई पर्यटक सुबह-शाम घूमने के लिए आते हैं। उसे देखकर ऐसा लगता जैसे तोप उनसे कह रही हो कि एक समय में मैंने अपनी शक्ति से अच्छे-अच्छे वीरों की धज्जियाँ उड़ा दी थीं।

  आगे कवि कहता है कि अब तो बच्चे इस तोप पर बैठकर घुड़सवारी का आनंद लेते हैं। चिड़ियाँ भी इस पर बैठकर गपशप करती हैं। कभी-कभी ये चिड़ियाँ शैतानी करती हुईं तोप के अंदर चली जाती हैं। खासकर गौरैया। ऐसा लगता है जैसे वे कह रही हों तोप कितनी भी बड़ी हो एक न एक दिन उसका मुँह बंद हो जाता है।


समाप्त!

धन्यवाद!

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By hindi Bharti

Dr.Ajeet Bhartee M.A.hindi M.phile (hindi) P.hd.(hindi) CTET

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