गिरिजाकुमार माथुर का जीवन परिचय
गिरिजाकुमार माथुर का जीवन परिचय?
प्रश्न-गिरिजाकुमार माथुर जी की काव्यगत विशेषताएँ निम्न बिन्दुओं पर लिखिए:
(i) दो रचनाएँ (ii) काव्यगत विशेषताएँ
उत्तर- गिरिजा कुमार माथुर का परिचय
(i) दो रचनाएँ- नाश और निर्माण, धूप के धान।
(ii) काव्यगत विशेषताएँ- गिरिजा कुमार माथुर के काव्य की विशेषताएँ इस प्रकार हैं-
(क) भावपक्ष-
- प्रकृति चित्रण- माथुर जी ने अपने काव्य में प्रकृति का विलक्षण वर्णन किया है।
- मन की अभिव्यक्ति- इनके काव्य में मानव मन की भावना को अभिव्यक्ति किया है। जिसका उन्होंने अपनी अनभूतियों के माध्यम से विश्लेषण किया है।
(iii) नवीन चिंतन- गिरिजा कुमार ने काव्य में नए चिंतन की अभिव्यक्ति दी है। उनके बुद्धि तत्व ने काव्य को प्रभावी बना दिया है।
(ब) कला पक्ष-
(i) भाषा- कवि ने साहित्यिक खड़ीबोली का काव्य में प्रयोग किया है।
(ii) मुक्त छंद- उन्होंने अपनी रचनाओं में मुक्तक छंद का प्रयोग किया है।
(iii) अलंकार का प्रयोग- उनकी कविताओं में अनुप्रास, रूपक, मानवीयकरण आदि अलंकारों का अधिक प्रयोग दिखाई देता है।
साहित्य में स्थान- गिरिजाकुमार माथुर प्रथम तारसप्तक के प्रमुख कवि हैं। वे प्रयोगवाद के भी महत्वपूर्ण कवियों में से एक हैं। वे नयी कविता के रोमानी कवि माने जाते हैं। उनका हिंदी जगत में ऊँचा स्थान है।
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आचार्य- डॉ. अजीत भारती
(www.hindibharti.in)