अनुच्छेद लेखन पैराग्राफ राइटिंग
अनुच्छेद लेखन पैराग्राफ राइटिंग?-इसमें व्यक्ति के विचारों और भावों का को संक्षेप में प्रस्तुत किया जाता है |
( Anuched Lekhan In Hindi | अनुच्छेद लेखन)
प्रश्न-अनुच्छेद लेखन किसे कहते हैं?
उत्तर- परिभाषा-किसी विषय पर अपने विचार व भाव संक्षेप में प्रकट करना अनुच्छेद कहलाता है |
*इसे भावपल्वन भी कहते हैं ।
प्रश्न-निबंध और अनुच्छेद लेखन में क्या अंतर है ?
उत्तर-निबंध और अनुच्छेद में निम्न अंतर हैं-
1-निबंध आकार में बड़ा होता है जबकि अनुच्छेद उसकी अपेक्षा छोटा होता है ।
2-निबंध में बातें विस्तार से उदाहरणों के द्वारा समझाई जाती हैं और अनुच्छेद में उन्हीं को संक्षेप में बताया जाता है ।
3-निबंध में किसी विषय के बारे में कहा जाता है और अनुच्छेद में किसी विषय के केवल एक पक्ष के बारे में बताया जाता है ।
प्रश्न-अनुच्छेद लेखन को किन -किन शैलियों में लिखा जाता है ?
उत्तर-अनुच्छेद को निम्न शैलियों में लिखा जाता है-
1- समास शैली
2- व्यास शैली
3- व्यंग्य शैली
4- विचारात्मक शैली
5- विवरणात्मक
6- वर्णात्मक शैली
7- भावात्मक शैली
8- तरंग शैली
9- चित्र शैली
10-साधारण बोलचाल की शैली
प्रश्न-अनुच्छेद लेखन की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर- अनुच्छेद लेखन की विशेषताएँ-
1- अनुच्छेद को लगभग 80 से 100 शब्दों में लिखा जाता है |
2- यह अपने आप में संक्षिप्त और स्वतंत्र होता है | इसमें एक ही विचार या भाव को व्यक्त किया जाता है |
3- इसमें विचार क्रम से तथा तर्क संगत होते हैं | उनमें किसी प्रकार का बिखराव नहीं होता है |
4- अनुच्छेद में व्यर्थ या अनावश्यक विचारों के लिए स्थान नहीं होता है |
5- अनुच्छेद संक्षिप्त और पूर्ण होता है | इसमें किसी भी पक्ष को छूटने नहीं दिया जाता है |
6- पूरे अनुच्छेद में विषय केंद्र में रहता है |
प्रश्न-एक अच्छा अनुच्छेद लिखने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर-एक अच्छा अनुच्छेद लिखते समय निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए-
1– सबसे पहले प्रश्न या विषय को पढ़कर समझ लेना चाहिए |
2- वैसे तो अनुच्छेद में भूमिका और उपसंहार की जरुरत नहीं पड़ती है | लेकिन अगर प्रश्न में बिंदु दिए हों, तो उत्तर उसी के आधार पर लिखेंगे |
3- अगर संभव हो तो अनुच्छेद लेखन को किसी कविता या उदाहरण से शुरू कर सकते हैं |
4- अनुच्छेद को प्रश्न में पूछे गए शब्दों की सीमा के अनुसार लिखेंगे | अगर पूछे गए प्रश्न में शब्द सीमा न दी हो उसे लगभग 80-100 शब्दों में लिखेंगे
5- अनुच्छेद लेखन में सरल भाषा का प्रयोग करेंगे |
6- एक ही बात को बार – बार नहीं लिखेंगे|
7- इसमें अनावश्यक बातें नहीं लिखेंगे |
8- अनुच्छेद में विचारों को क्रम से लिखेंगे|
Paragraph Writing in Hindi
प्रश्न-अनुच्छेद लेखन में कितनी बातें मुख्य होती हैं ?
उत्तर-अनुच्छेद लेखन में तीन बातें मुख्य होती हैं-
1- परिचय या भूमिका या प्रस्तावना
2- मुख्य भाग या मध्य भाग या बीच का हिस्सा
3- निष्कर्ष या उपसंहार
संदेश लेखन -https://hindibharti.in/wp-admin/post.php?post=1028&action=edit
CBSE Board में अनुच्छेद से संबंधित प्रश्न समसामयिक या व्यावहारिक जीवन से संबंधित प्रश्न में पूछे जायेंगे | अनुच्छेद को 80 से 100 शब्दों में लिखने के लिए पूछा जायेगा |
प्रश्न-निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत बिन्दुओं के आधार पर लगभग 80-100 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए।
‘भाषा और साहित्य’
1-भूमिका 2-भाषा और साहित्य का संबंध 3-निष्कर्ष
उत्तर- 1-भूमिका – साहित्य समाज का दर्पण है | साहित्य भावी मानव जीवन को प्रशस्त करता है | लेकिन उसका प्रकटीकरण तबतक नहीं हो सकता है जबतक हम किसी भाषा को माध्यम नहीं बनाएँगे | भाषा मनुष्य के भावों और विचारों को प्रस्तुत करने का एक माध्यम होता है | उसके कारण ही हम एक – दूसरे के विचारों को आसानी से समझ लेते हैं |
2-भाषा और साहित्य का संबंध- भाषा और साहित्य एक दूसरे के पूरक हैं | दोनों का एक-दूसरे के बिना अस्तित्व नहीं है | साहित्य का देश और समाज से गहरा संबंध रहता है | साहित्य को समाज का दर्पण कहा जाता है | समाज में जो घटता है वही साहित्य में दिखता है | साहित्य को समाज तक पहुँचाने में भाषा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है | साहित्य का परिचय समाज को भाषा के माध्यम से ही होता है |बड़े -बड़े कवियों, लेखकों और विद्वानों ने अपनी पवित्र वाणी से देश और समाज को दिशा दी है | जिससे समाज में आज बड़े-बड़े परिवर्तन दिखाई दे रहे हैं |
3-निष्कर्ष- प्रत्येक देश का अपना साहित्य और भाषा होती है | भाषा के अभाव में साहित्य का कोई महत्व नहीं है | जिस देश की भाषा जितनी मजबूत होगी उस देश का साहित्य भी उतना है समृध्द होगा | साहित्य के मर्म को हम भाषा से ही समझ सकते हैं | इस दृष्टि से भाषा और साहित्य एक – दूसरे के पूरक हैं |
अनुच्छेद लेखन के अन्य उदाहरण-
(i) हैंड सैनिटाइजर
- हैंड सैनिटाइजर क्या है
- हैंड सैनिटाइजर और कोरोना वायरस
- इसके लाभ और हानि
(ii) हमारी वन संपदा
- प्रकृति और वन
- वन और हम
- वनों की भूमिका
- आधुनिक युग का वनों पर प्रभाव
(iii) त्योहारों का देश भारत
- भारत के मुख्य त्योहार
- त्योहारों का महत्व
- भारतीय त्योहारों का विश्वव्यापी प्रभाव
अनुच्छेद लेखन पैराग्राफ राइटिंग
(i) हैंड सैनिटाइजर
- हैंड सैनिटाइजर क्या है
- हैंड सैनिटाइजर और कोरोना वायरस
- इसके लाभ और हानि
उत्तर-अनुच्छेद लेखन-(i) हैंड सैनिटाइजर
हैंड सैनिटाइजर ‘ट्राइक्लोसान’ नाम का एक रसायन होता है। इसमें ‘बेंजाल्कोनियम क्लोराइड’ विषैला तत्व होता है। जो कीटाणुओं और बैक्टीरिया को मारता है। इसे खुशबूदार बनाने के लिए ‘फैथलेट्स’ रसायन मिलाया जाता है।
इसका व्यापक प्रयोग सन् 2020 में कोरोना कोविड 19 वायरस से बचाव के लिए किया गया था। इसी समय यह प्रचालन में अधिक दिखाई दिया। इसको हाथों में साबुन की तरह से लगाने पर कोरोना वायरस नष्ट हो जाते हैं।
जहाँ एक ओर ‘हैंड सैनिटाइजर’ हमें कोरोना जैसी महामारी से बचाने में सहायता करता है। वहीँ दूसरी ओर इसका ज्यादा इस्तेमाल करने से त्वचा में जलन, दर्द और लाल चकते हो सकते हैं। आँख, मुँह और नाक में जाने से खाँसी, गले में खरास, पेट दर्द और उल्टियाँ भी हो सकती हैं। इस तरह यह लाभकारी होने के साथ-साथ हानिकारक भी है।
(ii) हमारी वन संपदा
- प्रकृति और वन
- वन और हम
- वनों की भूमिका
- आधुनिक युग का वनों पर प्रभाव
उत्तर-अनुच्छेद लेखन-(ii) हमारी वन संपदा
सूर्य, चंद्रमा, तारे, आकाश, समुद्र, नदी, झरने, पहाड़, खनिज, बर्फीले पर्वत, पेड़-पौधे और जीव-जंतु आदि प्रकृति के अंग हैं। वन भी प्रकृति की ही देन है। इन वनों से सभी जीवों का गहरा संबंध है।
वनों से मनुष्य का रिश्ता युगों से रहा है। हमारी जरूरत की अधिकांश चीजे इन्हीं से प्राप्त होती हैं। वनों के बिना हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। वन हमारे लिए रत्न के सामान हैं।
वन संसार को भोजन, शुद्ध हवा, जल, लकड़ी और जड़ी-बूटियाँ आदि प्रदान करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
मनुष्य की बढ़ती जरूरतों और आधुनिकता ने वनों को बुरी तरह से प्रभावित किया है। जिसके कारण सूखा, अकाल, प्रदूषण, जीव-जंतुओं की घटती संख्या, आँधी-तूफान, भूस्खलन, कहीं कम और कहीं अधिक वर्षा हो रही है।
(iii) त्योहारों का देश भारत
- भारत के मुख्य त्योहार
- त्योहारों का महत्व
- भारतीय त्योहारों का विश्वव्यापी प्रभाव
उत्तर-अनुच्छेद लेखन-(iii) त्योहारों का देश भारत
भारत को त्योहारों का देश कहा जाता है। यहाँ वर्षभर त्योहार मनाए जाते हैं। रक्षाबंधन, दशहरा, दीपावली, होली, ईद, क्रिसमस, गुरुनानक जयंती, आदि भारत के धार्मिक और सांस्कृतिक त्योहार हैं। स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और गाँधी जयंती जैसे राष्ट्रीय त्योहार भी जोर-शोर से मनाए जाते हैं।
हमारे देश में त्योहारों का बड़ा महत्व है। ये त्योहार सभी धर्मों के लोगों को आपस में जोड़ कर रखते हैं। इनके कारण हमेशा सद्भावना बनी रहती है। ये हमारी एकता और अखंडता के लिए महत्वपूर्ण हैं।
ये त्योहार भारत तक ही सीमित नहीं हैं। इनका प्रभाव विश्वव्यापी दिखाई देता है। नेपाल, फिजी, पाकिस्तान, मॉरीशश, अमेरिका, जापान, रूस, टोबैको, गुयाना, फिलीपींस जैसे तमाम छोटे-बड़े देशों में होली और दीपावली का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। कई त्योहारों को विदेशी भारत में आकर आनंद से मानते हैं।
आप हमेशा खुश रहें
आज के लिए इतना ही धन्यवाद!
Anchchhed lekhan/अनुच्छेद लेखन पैराग्राफ राइटिंग