हिंदी प्रायोजना कार्य 6 कक्षा 12 म.प्र. बोर्ड

हिंदी प्रायोजना कार्य 6 कक्षा 12 म.प्र. बोर्ड?

प्रश्न-6.आपके जीवन में किसी एक महत्वपूर्ण यात्रा का वर्णन लगभग 200 शब्दों में लिखिए। (सत्र-2022-23)

प्रायोजना कार्य-6

उत्तर- साल 2018 दिसंबर के माह में मैंने लगभग एक सप्ताह की यात्रा की योजना बनाई थी। यात्रा मैंने भोपाल से शुरू की। पहले दिन शाम को पंजाब मेल से चले और दूसरी शाम को 4 बजे अमृतसर के स्टेशन पहुँचे। उसके बाद नहाने-धोने और कपड़े बदलने के लिए एक हॉस्टल में रुके। शाम को तक़रीबन 7 बजे स्वर्ण मंदिर देखने और समझने के लिए अपने समूह के साथ गया। मंदिर देखने के बाद 9 बजे वहीँ पर लंगर खाया। उसके बाद मंदिर के पास की बाजारों में भ्रमण करके कुछ सामान ख़रीदे। उसके बाद अपने आवास में आराम करने के लिए चले गए।         

वहाँ एक बस पहले से बुक कर रखी थी। सुबह 4 बजे बस से बैष्णो देवी के दर्शन के लिए जम्मू-कश्मीर को रवाना हुए। सुबह 7 बजे जम्मू पहुँच जाते हैं। पहले से बुक किये गए यात्रा आवास पर बैग रखकर समूह के साथ मंदिर जाने के पहले पास लेकर माता का जयकारा लगाते हुए दर्शन हेतु आगे बढ़ने लगते हैं। देवी के लिए पास लेना आवश्यक है। लगभग दोपहर बारह बजे देवी माता के दर्शन करने को मिल जाते हैं। माता के दर्शन के पश्चात् भैरव बाबा के दर्शन करते हैं। माता और बाबा के दर्शन से हमारे सरे पाप नष्ट हो गए। दिसम्बर का महीना होने पर बर्फ में मस्ती करने का अवसर भी मिला। जो मेरे लिए किसी असीम कल्पना से कम नहीं था। रात्रि 8 बजे अपने आवास पर लौटकर खाना-खाकर सो जाते हैं।

  चौथे दिन सुबह चार बजे बस में बैठकर वापस अमृतसर आए और वहाँ से बाघा बार्डर देखने गए। दोपहर 12 बजे पहुँचकर अपनी सीट सुरक्षित कर ली। उससे पहले एक रेस्तरा में भोजन किया। सभी के अन्दर देशभक्ति का जुनून हिलोंरे मार रहा था सो सभी ने अपने-अपने गालों पर तिरंगा बनवाया।

  बाघा बार्डर पर भारत और पाकिस्तान की सेना ने अपने-अपने मार्च का प्रदर्शन किया। जो बहुत ही रोमांचकारी था। मैंने यह दृश्य अपने जीवन में पहली बार देखा था।

  वापस आकार धर्मशाला में आराम करने के लिए फिर अमृतसर जाते हैं। दुबारा स्वर्ण मंदिर के दर्शन का अवसर मिलता है। मदिर के दर्शन करके मन पवित्र हो जाता है। उसके बाद आवास पर लौट आते हैं।

  पाँचवे दिन शाम को पंजाब मेल से भोपाल के लिए रवाना होते हैं। और छठवें दिन भोपाल स्टेशन पहुँच जाते हैं। इस तरह हमारी यात्रा बहुत ही सुखद रही। इस यात्रा से नए अनुभव मिले। जो यादें हमेशा ही मेरी स्मरण में सुरक्षित रहेंगी।


यात्रा वृतांत https://www.downtoearth.org.in/hindistory/wildlife-biodiversity/tribals/this-last-village-of-uttarakhand-from-where-youth-do-not-migrate-82871

By hindi Bharti

Dr.Ajeet Bhartee M.A.hindi M.phile (hindi) P.hd.(hindi) CTET

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