हरिवंश राय बच्चन का जीवन परिचय
हरिवंश राय बच्चन का जीवन परिचय?
harivansh rai bachchan jivan parichay( म.प्र.बोर्ड)
दो रचनाएँ- मधुशाला, मधुबाला।
भाषा- बच्चन ने साहित्यिक खड़ी बोली भाषा का प्रयोग किया है। संस्कृत शब्द आपकी रचनाओं में अधिक दिखाई देते हैं। साथ में उर्दू, फारसी और अंग्रेजी आदि भाषाओं के शब्द भी देखने को मिलते हैं। आपने हमेशा सीधी-सादी जीवंत भाषा में बात पाठक के सामने रखी है। उनकी बोलचाल की भाषा होते हुए भी प्रभावशाली है।
शैली- बच्चन जी ने गेय(जिसे गाया जा सके) शैली में अपनी बात कही है। इसीलिए गीत शैली के दर्शन होते हैं। उन्होंने अपनी रचनाओं में मुख्य रूप से प्रांजल शैली का प्रयोग किया है। जिसके कारण आपकी काव्य रचनाएँ अधिक लोकप्रिय हुईं। वे सरल और सरस शैली में भी गंम्भीर बात करने की कला जानते थे।
साहित्य में स्थान- हरिवंशराय बच्चन छायावादोत्तर काल के विख्यात कवि हैं। साथ ही वे हालावाद के प्रवर्तक कवि भी हैं। उन्होंने गद्य और पद्य दोनों में लेखन कार्य किया है। उनकी ‘मधुशाला’ लोगों में एक विशेष स्थान बनाने में सफल हुई है। वे हिंदी साहित्य के एक लोकप्रिय कवि हैं।
harivansh rai bachchan
डॉ.अजीत भारती
harivansh rai bachchan jivan parichay
harivanshrayhttps://en.wikipedia.org/wiki/Harivansh_Rai_Bachchan
sandesh lekhan-https://hindibharti.in/%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B6-%E0%A4%B2%E0%A5%87%E0%A4%96%E0%A4%A8/