NCERT Solutions कन्यादान

NCERT Solutions कन्यादान

NCERT Solutions कन्यादान? -यह एक कविता है |इसमें  कवि ने अपनी बेटी के विवाह के बाद विदाई से पूर्व उसे कुछ सीख देती है |माँ कहती है आग रोटियाँ सकने के लिए होती हैं, जलने के लिए नहीं | फिर आगे भी कहती लड़की हो पर लड़की जैसी मत रहना |वह कहती कभी अपनी सुन्दरता पर मत रेझ्ना | और न ही वस्त्र और आभूषणों के लालच में आना | ये चीजें स्त्री के लिए बंधन की भांति बांध लेते हैं | कहने का आशय- किसी पर अत्याचार नहीं करना | और न ही अत्याचार को सहन करना | तुम एक सामान्य लोगों की तरह रहना |  इन्हीं मुद्दों पर आपके सामने प्रश्न उत्तर प्रस्तुत किये जा रहे हैं जो छात्रों के लिए उपयोगी साबित होंगे-                                                      

   प्रश्न-अभ्यास 

प्रश्न-1. आपके विचार से माँ ने ऐसा क्यों कहा कि लड़की होना पर लड़की जैसी मत दिखाई देना ? 

उत्तर- माँ अपनी लड़की से कहती है तुम सरल, कोमल और भोली बनी रहना, लेकिन अपनी सरलता और कोमलता को कमजोरी मत बनने देना।(कन्यादान कविता का सार  – ऋतुराज)  क्योंकि सरल गुणोंवाली लड़की को समाज या ससुराल वाले कमजोर समझकर उसका शोषण करते हैं । इसलिए माँ कहती है कि लड़की होना पर लड़की जैसी मत दिखाई देना ।                                                                                                                                      

                                                                                                


प्रश्न-2.आग रोटियाँ सेंकने के लिए हैं

             जलने के लिए नहीं 
(
क) इन पंक्तियों में समाज में स्त्री की किस स्थिति की ओर संकेत किया गया है ?

उत्तर- इन पंक्तियों में समाज में स्त्री की निम्न  स्थिति की ओर संकेत किया गया है-  

1-ससुराल में घर का पूरा काम उसे ही करना पड़ता है 

2-वह सभी के लिए सुबह से शाम तक नास्ता और खाना बनाती है।

3-काम अधिक होने के कारण वह सबसे पहले जागती  है और सबसे बाद में सोती है।

4-उसके साथ नौकरों जैसा व्यवहार किया जाता है।

5-सबसे अधिक अत्याचार स्त्री पर ही किये जाते हैं।

6-घर के बड़े कामों में उससे सलाह नहीं ली जाती है। इसके बाद भी कभी-कभी उसे जला दिया जाता है।


(ख) माँ ने बेटी को सचेत करना क्यों ज़रूरी समझा ?

 उत्तर(ख)-माँ ने बेटी को सचेत करना ज़रूरी इसलिए समझा क्योंकि बेटी अभी सयानी नहीं थी, उसकी उम्र भी कम थी। उसका स्वभाव सरल और कोमल है। अभी वह समाज की बुराईयों से परिचित नहीं थी। माँ यह नहीं चाहती थी कि जिन अत्याचारों को उसने सहन किया है वो सब उसकी बेटी को भी सहना पड़े।


                                                                                                  NCERT Solutions कन्यादान


प्रश्न-3. पाठिका थी वह धुँधले प्रकाश की

कुछ तुकों और कुछ लयबद्ध पंक्तियों की

 इन पंक्तियों को पढ़कर लड़की की जो छवि आपके सामने उभरकर आ रही है उसे शब्दबद्ध कीजिए ।

उत्तर-इन पंक्तियों को पढ़कर लड़की की जो छवि हमारे सामने उभरकर आ रही है । वह इस प्रकार है-

1-वह अभी सपनों की दुनियाँ में खोई है।
2-वह भोली होने के कारण जीवन के सच से अंजान है

3-उसकी उम्र अभी कम है। 

4-अभी वह पढ़ने वाली एक छात्रा है।

5-उसे लगता है वह ससुराल सज – धजकर जाएगी, वहाँ सभी उसे प्रेम करेंगे।

6-वह नए कपडे व गहने पहनेगी।

7-उसके ससुराल का जीवन बहुत मधुर होगा।


    NCERT Solutions कन्यादान                                                                                                                                                          


प्रश्न-4. माँ को अपनी बेटी अंतिम पूँजीक्यों लग रही थी?

उत्तर-माँ बेटी को पाल-पोसकर बड़ा करती है। बचपन से वही उसकी सबसे निकट की साथी होती है । (वाक्य क्या है जानने के लिए  लिंक क्लिक  करें -https://hindibharti.in/wp-admin/post.php?post=909&action=edit)  माँ और बेटी का संबंध सखी की तरह होता है। दोनों को एक-दूसरे से बहुत लगाव होता है। माँ हमेशा बेटी के सुख-दुःख की चिंता करती है। वह उसे बहुत ही सँभालकर रखती है। बेटी कन्यादान के बाद अपने ससुराल चली जाएगी। तब माँ अकेली रह जाएगी। इसलिए उसे अपनी बेटी अंतिम पूँजी लगती है।


प्रश्न-5. माँ ने बेटी को क्या – क्या सीख  दी ?

उत्तर- माँ ने अपनी बेटी निम्नलिखित सीख दी  –
1-माँ ने बेटी से कहा कभी अपनी सुंदरता पर मत रीझना।

2-तुम घर के काम तो करना, लेकिन अपने ऊपर अत्याचार न होने देना ।

3-अपनी सरलता और कोमलता को कभी कमजोरी मत बनने देना ।

4-कपड़ों और गहनों के लालच से हमेशा दूर ही रहना।

5-माँ बेटी को तनाव में आकर आत्महत्या न करने की सलाह देती है ।

माँ ने बेटी को क्या-क्या सीख दी …


रचना और अभिव्यक्ति 
प्रश्न-6. आपकी दृष्टि में कन्या के साथ दान की बात करना कहाँ तक उचित  है ?

उत्तर- कन्या के साथ दान की बात करना ठीक नहीं है । कन्या कोई वस्तु नहीं है जिसे दान किया जाए । माता-पिता के साथ कन्या का भावात्मक संबंध होता है । उसकी की अपनी पहचान होती है । विवाह के बाद वह  अपने ससुराल चली जाती है । वहाँ उसका नए लोगों से संबंध जुड़ जाता है। और अपने लोग उससे दूर हो जाते हैं लेकिन इससे पुराने रिश्ते समाप्त नहीं हो जाते हैं। कन्या के अपने माता –पिता से मधुर संबंध हमेशा बने रहते हैं ।


NCERT Solutions कन्यादान 

By hindi Bharti

Dr.Ajeet Bhartee M.A.hindi M.phile (hindi) P.hd.(hindi) CTET

error: Content is protected !!