सूर्यकांत त्रिपाठी का जीवन परिचय

सूर्यकांत त्रिपाठी का जीवन परिचयये हिंदी जगत के प्रसिद्ध कवि और लेखक हैं । ये छायावाद के प्रमुख रचनाकारों में से एक हैं। इन्होंने ही सबसे पहले हिंदी कविता में छंदों से मुक्त कविता लिखने की परंपरा शुरू की थी। जिसके बाद नए कवियों की बाढ़ आ गई। इनका पूरा जीवन गरीबी और अभावों में गुजरा। कहने का आशय यह कि उनका पूरा जीवन कष्टों में बीता। प्रकृति और यथार्थ पर काव्य रचनाएँ अधिक लिखी हैं। उन्हें हिंदी का अमर कवि कह सकते हैं। उन्होंने जूही की कली, सरोज, राम की शक्ति पूजा, तुलसीदास, कुकुरमुत्ता ने पत्ते आदि लगभग चौदह कविता संग्रह रचे हैं। कुल्ली भाट, बिल्लेसुर बकरिहा, इन्दुलेखा जैसे लगभग दस उन्यास लिखें हैं । लगभग पांच कहानी और छह निबंध संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं।


निराला जी का परिचय-

  • जन्म-     सन् 1899 ई. को महिषादल (बंगाल)
  • स्थान-     मूल निवासी-गढ़ाकोला, उन्नाव (उ.प्र.)
  • शिक्षा-     नवीं तक
  • भाषा-     संस्कृत, बांग्ला और अंग्रेजी आदि।
  • रचनाएँकाव्य- अनामिका, कुकुरमुत्ता, परिमल, गीतिका और नए पत्ते।

                उपन्यास, कहानी, आलोचना और निबंध लिखे थे।

               निराला रचनावली (आठ खण्डों में प्रकाशित है

  • निधन-   सन् 1961 ई.
  • विशेष-   सबसे पहले मुक्त छंद का प्रयोग किया।
  • लेखन शैली-उनकी शोषित वर्ग के प्रति गहरी सहानुभूति रही है

 


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डॉ. अजीत भारती

By hindi Bharti

Dr.Ajeet Bhartee M.A.hindi M.phile (hindi) P.hd.(hindi) CTET

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