वाक्य और भेद

वाक्य भेद समझाने के लिए|
वाक्य और भेद  क्या हैं -वाक्य की परिभाषा, अंग,  भेद और उदाहरण आदि को  विस्तार से समझेंगे ।  मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है । वह समाज में रहकर विभिन्न प्रकार क्रियाएँ  करता रहता है । और आपसी संबंधों को बनाये रखने  के लिए वह एक -दूसरे के यहाँ जाता है, बैठता है, खाता-पीता, मनोरंजन और मिलकर उत्सव मनाता है ।ये कार्य वह समाज के लोगों के साथ अनवरत करता रहता है  । लेकिन क्या आपको पता है ?  अगर ये सभी कार्य वह बगैर बातचीत के के करे तो कैसा अनुभव होगा ? अगर ऐसा होता तो मानव समाज बेरंग हो जाता । वह  समाज में रहकर प्रत्येक क्षेत्र और विषय  पर (वाच्य किसे कहते हैं -https://hindibharti.in/wp-admin/post.php?post=1008&action=edit)  अपने विचार वाणी के माध्यम से प्रस्तुत करता है ।बोलने के लिए उसे वाक्यों का सहारा लेना पड़ता है । तो आओ चलो जानने की की कोशिश करते हैं –

-:वाक्य संरचना:-

सबसे पहले एक  उदाहरण से हम वाक्य  समझेंगे-

उदाहरण- विनायक पुस्तक पढ़ता है |

वर्ण- व् +इ +न्+आ+य +अ +क्+अ

शब्द- विनायक

वाक्य- विनायक पुस्तक पढ़ता है

इस प्रकार वाक्य के सम्बन्ध में निम्न बिंदु निकलकर आए-

  • वाक्य शब्दों(सार्थक) के मेल से बनते हैं|
  • इनके  शब्द(पद) व्यवस्थित क्रम में होते हैं|
  • ये  पूर्ण और स्वतंत्र होते हैं |
  • इसमें  वक्ता (बोलनेवाला) की कही बातों का आशय स्पष्ट करते हैं |
  • ये  शब्दों के एक निश्चित क्रम में होते हैं |

      

वाक्य की परिभाषा :-शब्दों का वह सार्थक और व्यवस्थित समूह जो किसी विचार या भाव को प्रकट करता है, उसे वाक्य कहते हैं |

जैसे- 1. मैं कल आगरा जाऊँगा |

         2.अमित पुस्तक पढ़ता है और सुमित निबंध लिखता है |

         3.गाँधी ने कहा कि अंग्रेजों भारत छोड़ो|


वाक्य के अंग

वाक्य के दो अंग होते हैं                                                    

1- उद्देश्य                      

 2- विधेय


प्रश्न-उद्देश्य किसे कहते हैं ?

उत्तर-उद्देश्य की परिभाषा-  वाक्य में जिसके बारे में कहा जाए, उसे उद्देश्य कहते हैं |

उदाहरण:- अनुराग लखनऊ में रहता है|

स्पष्टीकरण- उदाहरण में अनुराग के बारे में कहा जा रहा है, अतः अनुराग उद्देश्य हुआ |

प्रश्न- विधेय किसे कहते हैं ?

उत्तर- विधेय की परिभाषा- वाक्य में कर्ता(उद्देश्य) के विषम में जो कुछ कहा जाए, उसे विधेय कहते हैं|

उदाहरण:- अनुराग लखनऊ में रहता है |

                   ( उद्देश्य)       ( विधेय)

स्पष्टीकरण- उदाहरण में लखनऊ में रहता है | कर्ता के विषय में कहा गया है | अतः लखनऊ में रहता है- विधेय हुआ|

  • हम ऐसे भी कह सकते हैं-जिसके बारे में कहा जाए उसे उद्देश्य और जो कहा जाए उसे विधेय कहते हैं |

नोट- *वाक्य में कर्म, पूरक एवं क्रिया मिलकर विधेय की रचना करते हैं |

*विधेय कर्ता के कार्य का सूचक होता है |

 

 उद्देश्य एवं विधेय के अन्य उदाहारण   

1- राम के छोटे भाई लक्ष्मण ने परशुराम का क्रोध भड़का दिया |

2- रंग – बिरंगे फूल सबका मन मोह लेते हैं |

3- नीली ड्रेस वाली हॉकी टीम ने लगातार कई गोल किए |

नोट- जो नीले रंग से लिखे वाक्य उद्देश्य और हरे रंग के विधेय हैं |


प्रश्न-वाक्य के कितने भेद हैं ?

उत्तर- वाक्य के दो भेद हैं-

1-रचना के आधार पर वाक्य

2-अर्थ के आधार पर वाक्य

प्रश्न-रचना के आधार पर वाक्य के कितने भेद हैं?

उत्तर- रचना के आधार पर वाक्य के तीन भेद हैं-

1-सरल वाक्य

2-संयुक्त वाक्य

3-मिश्र वाक्य                   


                                                                                                 अर्थ आधार पर वाक्य के भेद 


प्रश्न-सरल वाक्य की परिभाषा देते हुए उदाहरण समझाइए |

उत्तर- सरल वाक्य की परिभाषा- जिस वाक्य में एक उद्देश्य और एक विधेय हो, उसे सरल या साधारण वाक्य कहते हैं |

जैसे-1- विनायक पुस्तक पढता है |

          कर्ता     कर्म   क्रिया

          उद्देश्य         विधेय

 

 2. चिड़िया उड़ती है |

      कर्ता   क्रिया

     उद्देश्य   विधेय

 

 3.अमित का मित्र नीरज हिंदी  पुस्तकें  अधिक  पढ़ता है|

   कर्ता           कर्ता        कर्म         कर्म  क्रिया    क्रिया

विस्तारक              विस्तारक              विस्तारक

          उद्देश्य                                        विधेय

   4- वासु व विनायक कबड्डी खेलते हैं |

   कर्ता    कर्ता     क्रिया समान

     उद्देश्य           विधेय

नियम- यदि वाक्य में कर्ता एक से अधिक हों परन्तु क्रिया सामान रहे, तो सभी कर्ताओं को एक ही उद्देश्य माना जाता है |

उदाहरण5. विनायक पढ़ व लिख रहा है |

       कर्ता    क्रिया  क्रिया

     उद्देश्य           विधेय

नियमयदि वाक्य में करता एक है और उसके द्वारा क्रियाएँ एक से अधिक की जा रही हैं, तो उसमें सरल वाक्य ही होगा |

उदाहरण-6.राम, लक्ष्मण व भरत पढ़ व लिख रहे हैं |

कर्ता कर्ता    कर्ता  क्रिया   क्रिया

 उद्देश्य               विधेय

नियम- यदि वाक्य में कर्ता एक से अधिक हों और क्रियाएँ भी एक से अधिक हों तो प्रत्येक कर्ता द्वारा की गई क्रिया सामान है, सरल वाक्य होगा |

उदाहरण 7.राम, श्याम, भरत और लक्ष्मण एक साथ खाते-पीते, पढ़तेलिखते और खेलतेकूदते हैं|

 कर्ता  कर्ता  कर्ता      कर्ता                                         क्रिया                 क्रिया              क्रिया

            उद्देश्य                                                                                    विधेय

नियम- यदि क्रिया समान है तो सभी कर्ता एक ही उद्देश्य माने जाएँगे, यदि उद्देश्य एक है तो विधेय भी एक होंगे |

उदाहरण 8.भाई – बहिन स्कूल में बैठे है |

               कर्ता       कर्ता         क्रिया

                 उद्देश्य        विधेय

नोट-1. सामान्यता वाक्य का कर्ता उद्देश्य और कर्ता से पूर्व के पद उद्देश्य का विस्तार होते हैं | इसके अंतर्गत कर्ता और उसका विस्तार आता है |

2-क्रिया विधेय और क्रिया से पूर्व के पद विधेय का विस्तार होते हैं | इसके अंतर्गत-कर्म, कर्म का विस्तार (विशेषण पद या पदबंध ),क्रिया , क्रिया-विस्तार, पूरक, पूरक विस्तार, अन्य कारकीय पद आते हैं |


प्रश्न- संयुक्त वाक्य की परिभाषा देते हुए उदाहरण समझाइए |

उत्तर- संयुक्त वाक्य की परिभाषा- जहाँ दो या दो से अधिक स्वतंत्र वाक्य योजक शब्दों द्वारा जुड़े होते हैं, उन्हें संयुक्त वाक्य कहते हैं |

अथवा

जब दो या दो से अधिक स्वतंत्र उपवाक्य किसी योजक द्वारा जुड़े होते हैं, तब उन्हें संयुक्त वाक्य कहते हैं |

योजक शब्द- (लेकिन, किंतु, परंतु, अथवा, और, तथा, फिर, या, तथा, मगर, पर, एवं, व, चाहे, यानि, बल्कि, इसलिए, अतः, अन्यथा, ताकि, अतएव, जिससे, नहीं तो आदि ) |

जैसे- अमित पुस्तक पढता है और मोहन लिख रहा है |        

                          ↓

                (योजक शब्द)

अन्य उदाहरण:-

1.अतुल खेल रहा है, मनोज पढ़ रहा है |

  कर्ता    क्रिया    कर्ता     क्रिया

 (उद्देश्य)  (विधेय)  (उद्देश्य)  (विधेय)

प्रश्न-संयुक्त वाक्य की विशेषताएँ लिखिए?

उत्तर-एक से अधिक उपवाक्य होते हैं|

  • सभी उपवाक्य स्वतंत्र होते हैं |
  • उपवाक्य योजक शब्द से जुड़े होते हैं|
  • कुछ संयुक्त वाक्य बिना योजक शब्दों के भी होते हैं |


प्रश्न-मिश्र वाक्य/मिश्रित वाक्य की परिभाषा देते हुए उदाहरण समझाइए |

उत्तर- परिभाषा-जिस वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य और एक या एक से अधिक आश्रित उपवाक्य हों, उसे मिश्र वाक्य कहते हैं |

जैसे- 1-गाँधी ने कहा कि सदा सत्य बोलो|                  उपवाक्य       उपवाक्य

(प्रधान उपवाक्य)  (आश्रित उपवाक्य)

नोट-1-प्रधान उपवाक्य-गाँधी ने कहा

2-आश्रित उपवाक्य-सदा सत्य बोलो

3-योजक शब्द-कि

नोट- योजक शब्द के बाद वाले वाक्य आश्रित उपवाक्य कहलाते हैं। योजक के पहले वाले वाक्य प्रधान उपवाक्य कहलाते हैं।

2.जैसा करोगे वैसा भरोगे |

  उपवाक्य        उपवाक्य

नोट- 1.जब वाक्य योजक शब्दों से आरंभ हो तो मिश्र वाक्य होते हैं |

2-ऐसे वाक्यों में अंतिम उपवाक्य प्रधान होते हैं |


वाक्य और भेद


उपवाक्य में  आप  निम्न बाते जानेंगे-

1-उपवाक्य किसे कहते हैं?

2- भेद ।

3-प्रधान उपवाक्य ।

4-आश्रित उपवाक्य ।

5-वाक्य, उपवाक्य, प्रधान उपवाक्य और आश्रित उपवाक्य में अंतर ।


प्रश्न-उपवाक्य किसे कहते हैं ?

उत्तर-उपवाक्य की परिभाषा- जब एक वाक्य में अनेक वाक्य होते हैं, तो उस एक वाक्य में जो कई वाक्य मिले होते हैं, उन्हें ही उपवाक्य कहते हैं|

उदाहरण- महावीर ने कहा कि हिंसा मत करो, झूठ मत बोलो।

नोट-इस वाक्य में 3 तीन उपवाक्य हैं।

अथवा

संयुक्त वाक्य और मिश्र वाक्य एक से अधिक वाक्यों के मेल से बनते हैं| उन्हीं कई वाक्यों को उपवाक्य कहते हैं|

जैसे- हमारी बड़ी इच्छा थी कि तुम डॉक्टर बनों|

स्पष्टीकरण- इस वाक्य में दो उपवाक्य हैं-

1-हमारी बड़ी इच्छा थी|

2-तुम डॉक्टर बनों|

 

दूसरा उदाहरण- जो व्यक्ति मेहनती और सच्चे होते हैं, सब उनका सम्मान करते हैं तथा वे जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं|

स्पष्टीकरण- इस वाक्य में तीन उपवाक्य हैं-

1.जो व्यक्ति मेहनती और सच्चे होते हैं|

2.सब उनका सम्मान करते हैं|

3.वे जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं|

 

प्रश्न-उपवाक्य के कितने भेद हैं ?

उत्तर-उपवाक्य के दो भेद होते हैं

1-प्रधान उपवाक्य

2-आश्रित उपवाक्य

 

1.प्रधान उपवाक्य-

 परिभाषा- जो उपवाक्य पूरे वाक्य से अलग होकर अपना पूर्ण और स्वतंत्र अर्थ रखता है, तथा दूसरे उपवाक्य उस पर आश्रित होते हैं, उसे प्रधान उपवाक्य कहते हैं|  

जैसे- विनायक ने कहा कि मैं खेलूँगा|

इसमें विनायक ने कहा–प्रधान उपवाक्य है|

 

2.आश्रित उपवाक्य-

  परिभाषा-जो उपवाक्य स्वतंत्र रूप से अपना पूर्ण अर्थ स्पष्ट नहीं करा सकते और प्रधान उपवाक्य पर आश्रित रहते हैं, उन्हें आश्रित उपवाक्य कहते हैं|

जैसे- विनायक ने कहा कि मैं खेलूँगा|

स्पष्टीकरण- इसमें ‘मैं खेलूँगा– आश्रति उपवाक्य है|


वाक्य और भेद


आश्रित उपवाक्य पहचानने की ट्रिक

आश्रित उपवाक्य की पहचान है- इसमें वाक्य के  आगे योजक शब्द लिखा रहता है। मिश्र वाक्य में योजक शब्द के पीछे वाला भाग आश्रित होता है।

जैसे-गुरूजी ने कहा कि झूठ मत बोलो।

स्पष्टीकरण- इस वाक्य में कि योजक शब्द झूठ मत बोलो के पहले आया है , इसलिए  झूठ मत बोलो आश्रित उपवाक्य होगा ।

 

वाक्य, उपवाक्य, प्रधान उपवाक्य और आश्रित उपवाक्य में क्या अंतर है-

वाक्य उपवाक्य प्रधान उपवाक्य आश्रित उपवाक्य
शब्दों के सार्थक समूह को वाक्य कहते हैं| एक वाक्य में जो कई वाक्य होते हैं, उन्हें ही उपवाक्य कहते हैं जिस वाक्य पर दूसरे वाक्य आश्रित होते हैं या स्वतंत्र होते हैं जो वाक्य दूसरों पर आश्रित होते हैं, उन्हें आश्रित उपवाक्य कहते हैं
जैसे- विनायक पुस्तक पढ़ता है | जैसे- विनायक पुस्तक पढ़ता है और आरुषि खाना खाती है| जैसे- जैसे- गाँधी जी ने कहा कि हिंसा मत करो| जैसे- गाँधी जी ने कहा कि हिंसा मत करो|

 


वाक्य और भेद


आश्रित उपवाक्य के बाद  अब आप  आश्रित उपवाक्य के भेदों को जानेंगे-

तो चलो शुरू करते हैं-

प्रश्न-आश्रित उपवाक्य के कितने भेद हैं?

उत्तर- आश्रित उपवाक्य के तीन भेद हैं-

(i) संज्ञा आश्रित उपवाक्य

(ii) विशेषण आश्रित उपवाक्य

(iii) क्रिया आश्रित उपवाक्य

 

1.संज्ञा आश्रित उपवाक्य-

परिभाषा- जो आश्रित उपवाक्य संज्ञा की तरह प्रयुक्त हो, उसे संज्ञा आश्रित उपवाक्य कहते हैं|

नोट- संज्ञा आश्रित उपवाक्य मुख्य उपवाक्य से कि, क्योंकि योजक द्वारा जुड़े होते हैं|

जैसे- मेरे जीवन का लक्ष्य है कि मैं शिक्षक बनूँ|

स्पष्टीकरण- इसमें ‘मैं शिक्षक बनूँ’-संज्ञा आश्रित उपवाक्य

 

अन्य उदाहरण-

1.मंत्री जी ने कहा कि मैं इस्तीफा देना चाहता हूँ|

स्पष्टीकरण- इसमें मैं इस्तीफा देना चाहता है’- संज्ञा आश्रित उपवाक्य है|

 

2.विशेषण आश्रित उपवाक्य-

परिभाषा- जो आश्रित उपवाक्य विशेषण की तरह प्रयोग हो, विशेषण आश्रित उपवाक्य कहते हैं |

नोट- विशेषण आश्रित उपवाक्य मुख्य उपवाक्य से जिन योजकों से जुड़े होते हैं, वे हैं-

जो, जिससे, जिसे, जिन्होंने, जिसने, जिनकों, जिसके, जिन |

जैसे- वह लड़का जो कल बीमार था, आज आया है |

स्पष्टीकरण- इसमें जो कल बीमार था’ विशेषण आश्रित उपवाक्य |

 

3.क्रियाविशेषण आश्रित उपवाक्य –

परिभाषा- जब आश्रित उपवाक्य, मुख्य उपवाक्य में प्रयुक्त क्रिया की विशेषता बताता है तो उसे क्रियाविशेषण आश्रित उपवाक्य कहते हैं|

जैसे- जब पानी बरसता है, तब मेढ़क बोलता हैं|

नोट- क्रियाविशेषण आश्रित उपवाक्य, मुख्य उपवाक्य जिन योजकों से जुड़े होते हैं, वे हैं-

जैसे, तैसे, ज्यों, जिधर, जितना, जैसे, वैसे, जब, तब, उतना, तथापि, तो, आदि हैं|

अन्य उदाहरण-

1.जहाँ तुम पढ़ते थे वही मैं भी पढ़ता था |


वाक्य और भेद


*आश्रित उपवाक्य के भेद जानने के बाद आप क्रिया विशेषण आश्रित उपवाक्य के भी भेद या प्रकार जानेंगे –

प्रश्न-क्रियाविशेषण आश्रित उपवाक्य के किते भेद हैं?

उत्तर-क्रियाविशेषण आश्रित उपवाक्य के पाँच भेद हैं-

1.कालवाचक उपवाक्य

2.स्थान वाचक उपवाक्य

3.रीति वाचक उपवाक्य

4.परिमाण वाचक उपवाक्य

5.कार्य-करक वाचक क्रिया विशेषण उपवाक्य

1.कालवाचक क्रियाविशेषण आश्रति  उपवाक्य-

परिभाषा- जिन उपवाक्यों में क्रिया के होने के समय का बोध हो, उन्हें कालवाचक क्रियाविशेषण आश्रित उपवाक्य कहते हैं।

इन उपवाक्यों को जोड़ने वाले योजक हैं-जबतक, ….तबतक, जब-जब—तब तब,ज्यों ही —त्यों ही, जब—तक, जब कभी।

उदाहरण-

1- जब तक रमेश घर पहुँचा, श्याम जा चुका था ।

2- जब आरुषि पढ़ रही थी, तब मैं घर के भीतर था।

 

2.स्थानवाचक क्रियाविशेषण आश्रति उपवाक्य-

परिभाषा-जिन उपवाक्यों से क्रिया के स्थान का बोधा हो, उन्हें स्थान वाचक क्रियाविशेषण आश्रित उपवाक्य कहते हैं ।

इन उपवाक्यों को जोड़ने वाले योजक हैंजहाँ—वहाँ, जिधर—उधर, यहाँ—वहाँ ।

उदाहरण-

1.जिधर हम जा रहे हैं, सभी लोग उधर ही मिलेंगे ।

2.जहाँ कभी पेड़ ही पेड़ खड़े थे वहाँ एक अजीब–सा सन्नाटा था ।

3- जहाँ तुम खेलते थे वहीं मैं खेलता था।

 

3.रीति वाचक क्रियाविशेषण आश्रति उपवाक्य-

परिभाषा- जिन उपवाक्यों में कार्य करने के ढंग(तरीका) का बोध हो, उन्हें रीति वाचक क्रियाविशेषण आश्रति उपवाक्य कहते हैं ।

इन उपवाक्यों को जोड़ने वाले योजक हैं-

जिस तरह, मनो, जैसा—वैसा, जैसी –वैसी ।

उदाहरण-

1.मैंने वैसे ही पढ़ा है जैसा आपने पढ़ाया है।

2.बच्चे वैसा ही करते हैं जैसा बड़े करते हैं।

 

4.परिमाण वाचक क्रियाविशेषण आश्रति उपवाक्य-

परिभाषा- जिन उपवाक्यों से मुख्य क्रिया की मात्रा का बोधा हो, उन्हें परिमाणवाचक क्रियाविशेषण आश्रति उपवाक्य कहते हैं । इन उपवाक्यों को जोड़ने वाले योजक हैं- जहाँ तक —वहाँ तक, जितना — उतना, जैसे- जैसे—वैसे-वैसे, जितनी—उतनी ।

उदाहरण-

1.जितना परिश्रम करोगे उतना ही अच्छा परिणाम मिलेगा।

2.जैसे-जैसे आय बढ़ती है वैसे-वैसे खर्चा बढ़ता है।

 

5.कार्य-कारण वाचक क्रियाविशेषण आश्रति उपवाक्य-

परिभाषा- जिन उपवाक्यों से कार्य के होने या करने के कारण का बोधा हो, उन्हें कार्य-कारण वाचक क्रियाविशेषण उपवाक्य कहते हैं।  इन उपवाक्यों को जोड़ने वाले योजक हैं- यदि—तो, यद्यपि—तथापि, क्योंकि, ताकि।

उदाहरण-

1.खूब परिश्रम करो ताकि परीक्षा में उत्तीर्ण हो सको ।

2.राम स्कूल नहीं गया क्योंकि उसे तेज बुखार था ।

 


     अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद उदाहरण साहित 


अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद-

1-विधान वाचक वाक्य- जिन  वाक्यों से किसी बात या कार्य के होने की सूचना मिलती है, उन्हें विधान वाचक वाक्य कहते हैं |

जैसे-

1. राध्या पढ़ती है ।  

2. अमित कार चलता है।

3. नीलम स्कूल जाती है।

4. दादा जी बाजार जाते हैं।

5. माता जी मंदिर में पूजा कर रही है।

 

2-निषेध वाचक वाक्य- जिस वाक्य से किसी  कार्य के न होने की सूचना मिलती है, उसे निषेध वाचक वाक्य कहते हैं ।  

जैसे-

1. मैं स्कूल नहीं जाऊँगा। 

2. अंकित पुस्तक नहीं पढ़ता है।

3. रमा ने फुटबाल खेलने से मना कर दिया।

4. मनीष को साईकिल चलानी नहीं आती है।

5. 

 

3-प्रश्न वाचक वाक्य – जिस वाक्य में प्रश्न पूछे जाने का बोध हो, उसे प्रश्न वाचक वाक्य कहते हैं ।  

जैसे- तुम्हारा नाम क्या है ?

 

4-आज्ञा वाचक वाक्य- जिस वाक्य से आदेश या आज्ञा या प्रार्थना का बोध हो, उसे आज्ञा वाचक वाक्य कहते हैं।  

जैसे- शोर मत करो।  

 

5-विस्मयादि वाचक वाक्य- जिस वाक्य से आश्चर्य, हर्ष, घृणा, भय, शोक, विस्मय आदि का बोधा हो, उसे विस्मयादि वाचक वाक्य कहते हैं ।  

जैसे- वाह! कितना सुंदर महल है ।  

 

6-इच्छा वाचक वाक्य- जिस वाक्य से किसी की इच्छा, कामना या आशीर्वाद, आकांक्षा का बोध हो, उसे इच्छा वाचक वाक्य कहते हैं ।  

जैसे- तुम्हारी यात्रा सफल हो ।  

 

7-संदेह वाचक वाक्य- जिन वाक्यों से संदेह या सम्भावना का बोध हो, उसे संदेह वाचक वाक्य कहते हैं ।  

 जैसे- शायद आज वर्षा होगी ।  

 

8-संकेत वाचक वाक्य या शर्त बोधक वाक्य- जिस वाक्य से किसी प्रकार के संकेत का भाव प्रकट होता है, उसे संकेत वाचक वाक्य कहते हैं ।  

जैसे- यदि तुम पढ़ाई करते तो पास हो जाते ।      

                                                    


वाक्य किसे कहते हैं  यहीं समाप्त हुआ | धन्यवाद!

डॉ.अजीत भारती

वाक्य और भेद/वाक्य और भेद

अर्थ के आधार पर वाक्य के कितने भेद होते हैं |

By hindi Bharti

Dr.Ajeet Bhartee M.A.hindi M.phile (hindi) P.hd.(hindi) CTET

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